इंडियन प्रीमियर लीग के 11वें सीजन के ऑक्शन से पहले चेन्नई सुपर किंग्स और महेन्द्र सिंह धोनी के फैन्स के लिए बड़ी खुशखबरी आई है. आईपीएल गर्वनिंग काउंसिल की बैठक के बाद इस बात पर मुहर लग गई की धोनी अपनी पहली टीम सीएसके में लौटेंगें.
बैठक में तय किया गया कि दो साल के लिए बैन की गई चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्य अपने तीन खिलाड़ियों को रिटेन कर सकती है. नए नियम के मुताबिक आईपीएल फ्रैंचाइजी पांच खिलाड़ियों को टीम के साथ जोड़ सकती है. जिसे दो भागों में बांटा गया है.
- ऑक्शन से पहले तीन खिलाड़ियों को रिटेन किया जा सकता है.
- फ्रैंचाइजियों के पास ऑक्शन के दौरान राइट टू मैच का भी अधिकार होगा.
- दोनों ही ऑप्शन में अधिकतम तीन खिलाड़ियों को रखा जा सकता है.
- अगर कोई टीम ऑक्शन से पहले किसी भी खिलाड़ी को रिटेन नहीं करती है तो उसके पास ऑक्शन के दौरान तीन खिलाड़ियों पर राउट टू मैच का अधिकार होगा.
रिटेन पॉलिसी के तहत अधिकतम तीन कैप्ड भारतीय खिलाड़ी,अधिकतम दो विदेशी खिलाड़ी और अधिकतम दो अनकैप्ड खिलाड़ी ही आ पाएंगे. ‘राइट टू मैच’ का मतलब पुरानी फ्रेंचाइजी सबसे ज्यादा बोली पाने वाले खिलाड़ी को अपने साथ जोड़ सकती है.
बुधवार को हुई बैठक में आईपीएल गर्वनिंग काउंसिल के साथ COA के मेंबर भी शामिल हुए. इस बैठक में खिलाड़ियों की सैलरी के साथ-साथ फ्रैंचाइजियों के कोटे को भी बढ़ा दिया गया है. अब तक सभी फ्रैंचाइजियों के पास 66 करोड़ को कोटा था जिसे 80 करोड़ का कर दिया गया है. साथ अगले तीन साल तक इनके कोटे भी बढ़ते जाएंगे. जहां 2018 में 80 करोड़ वहीं 2019 में फ्रैंचाइजी 82 करोड़ और 2020 में 85 करोड़ का कोटा होग. हर टीम को अपने कोटे में कम से कम 75 प्रतिशत खर्च करना होगा.
अनकैप्ड खिलाड़ी की अधिकतम सैलरी 40 लाख रुपये रखी गई है. हर टी में अधिकत्म 25 खिलाड़ी रह सकते हैं जिसमें विदेशी खिलाड़ियों का कोटा 8 है.