आज से इंडियन प्रीमियर लीग का दसवां सीजन शुरू हो रहा है. 5 अप्रैल से लेकर 21 मई के बीच 8 टीमों के बीच कुल 56 मैच खेले जाएंगे. सीजन का पहला मैच हैदराबाद सनराइजर्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच हैदराबाद में खेला जाएगा. 



 



हैदराबाद सनराइजर्स पिछले सीजन की चैंपियन टीम है. इस सीजन में आईपीएल के मैच 10 शहरों में खेले जाएंगे. 10 साल की उम्र तक पहुंचते पहुंचते आईपीएल की सूरत शक्ल पूरी तरह बदल चुकी है. पिछले 9 साल में इंडियन प्रीमियर लीग में सबकुछ बदल गया. टीमें बदल गईं, टीमों के कप्तान बदल गए, यहां का खिलाड़ी वहां चला गया, टीमों के मालिक बदल गए. बस एक बात नहीं बदली. आईपीएल और विवाद. 



 



आईपीएल के पहले सीजन में हरभजन सिंह ने श्रीशांत को जो थप्पड़ मारा उससे शुरू हुए विवादों की गूंज अब तक सुनाई दे रही है. ये विवाद इतने गंभीर किस्म के थे कि आज पूरी की पूरी बीसीसीआई का चेहरा बदल चुका है. आज बीसीसीआई को चलाने का काम एडमिनिस्ट्रेटर्स की एक कमेटी कर रही है. जिसके अगुवा पूर्व कंट्रोलर जनरल विनोद राय हैं. ऐसे में उनकी कमेटी की जिम्मेदारी है कि वो आईपीएल के इस सीजन को किसी भी तरह के विवादों से दूर रखे.



 



 



आईपीएल में विवाद थमने का नाम ही नहीं लेते



 



 



दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में इस लीग की शुरूआत ललित मोदी ने बड़े बड़े सपनों के साथ की थी. लीग बड़े शानदार तरीके से शुरू हुई. लोकप्रियता के शिखर पर गई. हिंदुस्तान के लोगों में मनोरंजन की परिभाषा बदलने में इस लीग ने बहुत बड़ा रोल अदा किया. 



 



 



स्टेडियम खचाखच भरने लगे. टिकटों के लिए मारामारी हुई. हिंदुस्तान के लोगों की शाम कुछ मेगा-सीरियल, फिल्म या समाचारों से निकलकर क्रिकेट के ‘ऐक्शन’ में बीतने लगी. विवादों का सिलसिला शुरू हुआ हरभजन सिंह के थप्पड़ विवाद से. हरभजन सिंह ने मैच खत्म होने के बाद श्रीशांत को थप्पड़ मार दिया और श्रीशांत कैमरे के सामने फूट फूटकर रोते नजर आए. इसके बाद अगले सीजन में भारत सरकार ने आम चुनावों के चलते आईपीएल मैचों को सुरक्षा ना देने की बात कही तो ललित मोदी आईपीएल लेकर दक्षिण अफ्रीका चले गए. इस बीच खिलाड़ियों की तनातनी के कई मामले सामने आए लेकिन तब ये कहा गया कि कुछ विवाद तो ‘प्लाटेंड’ हैं. ‘प्लाटेंड’ इसलिए कि आईपीएल सुर्खियों में बना रहे. एक और बड़ा विवाद तब हुआ जब ललित मोदी पर तमाम अनिमयमितताओं का आरोप लगाकर उन्हें आईपीएल से बाहर कर दिया गया. तबसे लेकर आज तक वो हिंदुस्तान के बाहर ही हैं. 



 



 



बीते सीजन में विदेशी खिलाड़ियों पर यौन शोषण का आरोप लगा. होटल में पुलिस आई. टैक्स को लेकर किचकिच हुई. टीमों ने बीसीसीआई पर एकतरफा फैसले लेने का आरोप लगाते हुए लीग से बाहर जाने का फैसला किया. यहां तक की कहानी भी ठीक थी. विवाद और कलंक का असली विस्फोट हुआ जब पुलिस ने श्रीशांत समेत कुछ और खिलाड़ियों को आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग के लिए गिरफ्तार किया. बात आगे बढ़ी तो इसमें तत्कालीन बोर्ड अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के दामाद गुरूनाथ मयप्पन, राजस्थान रॉयल्स का मालिकाना हक रखने वाले शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा और फिल्म अभिनेता विंदु दारा सिंह जैसों का नाम सामने आया. जांच में पता चला कि सट्टेबाजी का खेल जमकर चल रहा था. आपको याद ही होगा कि राजस्थान और चेन्नई की टीमों को 



 



आईपीएल से बाहर किए जाने के पीछे यही वजहें थीं. 



 



 



इन्हीं सारी वजहों के चलते सच्चाई ये है कि अब आईपीएल की लोकप्रियता पहले जैसी नहीं रही. लोगों का भरोसा कम हुआ है. कोई भी रोमांचक मैच हुआ तो हजारों लोगों के मुंह से सबसे पहले निकलता है- मैच ‘फिक्स’ था. अब जबकि आज से एक नया सीजन शुरू हो रहा है तब इस लीग से जुड़े हर खिलाड़ी, अंपायर, टीम मालिक, एडमिनिस्ट्रेटर की ये जिम्मेदारी है कि इसे विवादों से दूर रखे. शुरू शुरू में तो ये फॉर्मूला ठीक लगता था कि ‘बदनाम हुए तो क्या हुआ नाम तो होगा’ लेकिन बदनामी अगर इतनी आम हो जाए कि विश्वसनीयता ही खत्म हो जाए तो लेने के देने पड़ जाएंगे.