किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ रोमांचक मुकाबले में चेन्नई सुपर किंग्स को 4 रनों से हार मिली थी. 198 रनों के लक्ष्य को हासिल करने उतरी चेन्नई की टीम अंत में 5 विकेट खोकर 193 रन ही बना सकी. चेन्नई की हार के बाद एक ही सवाल सबके जेहन में उठ रहे थे कि इन फॉर्म बल्लेबाज ड्वेन ब्रावो की जगह इस मैच में रविन्द्र जडेजा को क्यों पहले भेजा गया. मुंबई इंडियंस के खिलाफ उन्होंने जिस तरह की बल्लेबाजी की थी ऐसे में उनके ऊपर खेलने की संभावना बढ़ती दिख रही थी लेकिन अगले दोनों मैच में जडेजा ब्रावो से पहले बल्लेबाजी करने उतरे. किंग्स के खिलाफ मुकाबले में महेन्द्र सिंह धोनी ने 44 गेंदों में 79 रनों की धमाकेदार पारी खेली थी लेकिन इसके बाद भी टीम को हार मिली.



अंतिम के ओवरों में जडेजा ने 13 गेंद पर 19 रन बनाए लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सके. इसके बाद जडेजा की बल्लेबाजी क्रम को लेकर कईयों ने सवाल उठाए. इन सवालों का जवाब खुद कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने दिया. धोनी ने कहा कि वो चाहते हैं कि जडेजा टीम में मैच फिनिशर की भूमिका निभाए.

उन्होंने कहा, 'मैच के समय डग आउट में कोच स्टीफन फ्लेमिंग ही बल्लेबाजी क्रम को लेकर फैसला लेते हैं, हम उनके फैसलों के साथ-साथ ये भी चाहते हैं कि जडेजा बल्लेबाजी में टीम को फायदा पहुंचाए. हमें उन पर भरोसा है और बाएं हाथ के बल्लेबाज होने के कारण उन्हें ऊपर भेजा जाता है ताकि गेंदबाजों को लाइन में दिक्कत हो.'

ब्रावो को टीम का मजबूत पक्ष बताते हुए धोनी ने कहा, 'अगर मैदान पर जडेजा अपनी भूमिका नहीं निभा पाते हैं तो नीचे हमारे पास ब्रावो हैं, उन्हें हर परिस्थिति में खेलने का अनुभव है लेकिन टीम को जडेजा से काफी उम्मीदें हैं.' उन्होंने कहा, 'सुरेश रैना ऊपरी क्रम में आते हैं और जडेजा पांचवें या छठे नंबर पर. बाएं हाथ के बल्लेबाजों को लेकर गेंदबाज टीम थोड़ी परेशान रहती है और हमारी कोशिश उसी परेशानी में जीत तलाशने की है.'

धोनी ने आगे कहा कि टीम को जडेजा पर भरोसा है और मैनेजमेंट चाहती है कि जडेजा इसका इस्तेमाल करे ताकि टीम के साथ-साथ उनका भी मनोबल बढ़े.

आपको बता दें कि आईपीएल शुरू होने से पहले जडेजा ने कहा था कि धोनी चाहते हैं कि वो बल्लेबाजी में ऊपर आएं और एक मैच फिनिशर की भूमिका निभाएं.