नई दिल्ली/मुंबई: शेन वॉटसन के 57 गेंदों में नाबाद 117 रन जड़ते हुए चेन्नई सुपर किंग्स को तीसरी बार आईपीएल की विजेता बन गई है. वॉटसन की बेहतरीन पारी की बदौलत चेन्नई ने लीग के 11वें सीजन के फाइनल में सनराइजर्स हैदराबाद को आठ विकेट से हराकर ये कारनामा कर दिखाया.


हैदराबाद ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवरों में छह विकेट के नुकसान पर 178 रनों का मजबूत स्कोर बनाया था. हैदराबाद के गेंदबाजों ने इस सीजन में जिस तरह का प्रदर्शन किया था उसे देखकर लग रहा था कि चेन्नई के लिए यह जीत बेहद मुश्किल होगी, लेकिन वॉटसन ने एक छोर पर अकेले खड़े होकर हैदराबाद के गेंदबाजों की जमकर धुनाई की और चेन्नई को 18.3 ओवरों में ही लक्ष्य तक पहुंचा दिया. चेन्नई ने सिर्फ दो विकेट खोए.


दो साल बाद लीग में वापसी करने वाली चेन्नई की यह तीसरी खिताबी जीत है. इससे पहले वो 2010 और 2011 में खिताब अपने नाम कर चुकी है. इसी के साथ वह सबसे ज्यादा आईपीएल खिताब जीतने के मामले में मुंबई इंडियंस के बराबर पहुंच गई है. दोनों टीमों के नाम सबसे ज्यादा तीन-तीन खिताब हैं.


यह चेन्नई का सातवां आईपीएल फाइनल था और उसके कप्तान धोनी का आठवां. चेन्नई का नाम आईपीएल इतिहास की सबसे सफल टीमों में गिना जाता है क्योंकि उसने नौ सीजन खेले हैं और सभी बार प्लेऑफ में जगह बनाई .


मैच का टर्निंग पॉइंट:
हैदराबाद के इस सीजन के प्रदर्शन को देखकर लग रहा था कि मुकाबला रोमांचक तो होगा ही, लेकिन 11 चौके और आठ छक्के मारने वाले वॉटसन ने इसे रोमांचक से ज्यादा मनोरंजक बना दिया. एक समय पर हैदराबाद की टीम मुकाबले में शानदार तरीके से बनी हुई थी लेकिन पारी के 13वें ओवर में मैच हैदराबाद के हाथ से निकल गया. जब कप्तान ने गेंद संदीप शर्मा को सौंपी.


यहां से चेन्नई को जीत के लिए 48 गेंदों पर 75 रनों की दरकार थी. मैच में हैदराबाद की गेंदबाज़ी के आगे ये लक्ष्य बिल्कुल भी आसान नहीं लग रहा था. लेकिन यहीं से वॉटसन ने अपना अनुभव दिखाया और संदीप के ओवर में तीन छक्के और दो चौकों के साथ मैच को एक ही ओवर में एकतरफा कर दिया.


इस ओवर से कुल 27 रन आए और इसके बाद सीएसके को जीत के लिए 42 गेंदों में महज़ 48 रनों की दरकार रह गई.


वॉटसन का यह इस सीजन में दूसरा शतक है. वह एक आईपीएल के एक सीजन में दो शतक लगाने वाले चौथे बल्लेबाज बन गए हैं. साथ ही वह आईपीएल फाइनल में लक्ष्य का पीछा करते हुए शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज भी बन गए हैं.


चुनौतीपूर्ण लक्ष्य का पीछा करने उतरी चेन्नई को वॉटसन और उनके जोड़ीदार फाफ डु प्लेसिस (10) ने तेज शुरुआत देने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं रहे क्योंकि भुवनेश्वर कुमार और संदीप शर्मा ने दोनों को बंधे रखा. इसी दबाव में डु प्लेसिस ने संयम खो दिया और बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में संदीप की गेंद पर उन्हीं के द्वारा लपके गए.


लगा हैदराबाद हावी हो जाएगी लेकिन वॉटसन ने ऐसा होने नहीं दिया और इसमें सुरेश रैना ने उनका बखूबी साथ दिया. दोनों ने तेजी से रन बटोरने के साथ सूझबूझ से पारी को बनाया. दोनों जानते थे कि राशिद खान उनके लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं इसिलए उन पर वार नहीं किया. राशिद के कुल तीन ओवरों ने इन दोनों खिलाड़ियों ने सिर्फ 12 रन लिए. दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 117 रनों की साझेदारी की.


रैना को कार्लोस ब्रैथेवट ने 14वें ओवर की तीसरी गेंद पर 133 के कुल स्कोर पर पवेलियन भेजा. रैना ने 24 गेंदों में तीन चौोके और एक छक्के की मदद से 24 रन बनाए. वॉटसन ने 17वें ओवर की तीसरी गेंद पर एक रन लेकर इस सीजन में अपना दूसरा शतक पूरा किया जिसके लिए उन्होंने 51 गेंदें लीं.


वॉटसन के साथ अंबाता रायुडू 19 गेंदों में एक चौका और एक छक्का मार लौटे. उन्होंने चौक मार चेन्नई को विजेता बनाया.


इससे पहले धोनी ने टॉस जीतकर हैदराबाद को बल्लेबाजी के लिए बुलाया. हैदराबाद के लिए अंत में ब्रैथवेट ने 10 गेंदों में तीन छक्कों की मदद से 21 रन बनाए. वहीं युसूफ पठान का बल्ला इस मैच में चल पड़ा और वह 25 गेंदों में चार चौके और दो छक्कों की मदद से 45 रन बनाकर नाबाद लौटे. इन दोनों ने आखिरी के तीन ओवरों में 34 रन जोड़ अपनी टीम को चुनौतीपूर्ण स्कोर प्रदान किया. ब्रैथवेट पारी की आखिरी गेंद पर आउट हुए.


हैदराबाद को दूसरे ओवर की पांचवीं गेंद पर पहला झटक लगा. श्रीवत्स गोस्वामी (5) गलतफहमी के चलते 13 के कुल स्कोर पर रन आउट हो गए. इसके बाद शिखर धवन (26) और केन विलियमसन (47) की जोड़ी ने टीम को संभाला और स्कोर बोर्ड को अच्छे से चलाया. दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 51 रनों की साझेदारी की.


धोनी ने गेंद रवींद्र जडेजा को थमाई जिन्होंने 64 के कुल स्कोर पर धवन को बोल्ड कर दिया. अर्धशतक की ओर बढ़ रहे विलियमसन का विकेट 101 के कुल स्कोर पर गिरा. उनकी कोशिश कर्ण शर्मा की लेग स्पिन पर आगे बढ़कर शॉट मारने की जिसमें वो चूक गए और धोनी ने उन्हें स्टम्प किया.


शाकिब अच्छी लय में थे. वह 14 गेंदों में दो चौके और एक छक्के की मदद से 23 रन बना चुके थे, लेकिन अपनी पारी की 15वीं गेंद पर वह सुरेश रैना के हाथों लपके गए. दीपक हुड्डा (3)17वें ओवर की आखिरी गेंद पर 144 के कुल स्कोर पर लपके गए. यहां से ब्रैथवेट और पठान ने मोर्चा संभाला.


चेन्नई के लिए लुंगी नगिदी, रवींद्र जडेजा, शार्दूल ठाकुर, कर्ण शर्मा, ड्वायन ब्रावो ने एक-एक विकेट लिए.