दो साल के बैन के बाद वापसी करते हुए चेन्नई सुपरकिंग्स ने इंडियन प्रीमियर लीग के 11वें सीजन का खिताब जीत लिया. फाइनल मुकाबले में टीम ने सनराइजर्स हैदराबाद को 8 विकेट हराकर तीसरी बार खिताब अपने नाम किया.
शेन वाटसन ने सुपरकिंग्स की ओर से 57 गेंद में नाबाद 117 रन की पारी खेली. खिताब जीतने के बाद टीम के मुख्य कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने स्वीकार किया है कि दो साल के बैन के दौरान उनकी टीम को मुश्किल समय का सामना करना पड़ा. हालाकि टीम इसी तरह टूर्नामेंट में वापसी भी करना चाहती थी.
आपको बता दें कि टीम मैनेजमेंट के 2013 में हुए स्पॉट फिक्सिंग में नाम आने के बाद दो साल के लिए चेन्नई सुपर किंग्स को बैन कर दिया गया था जिसके कारण वो 2016 और 2017 में नहीं खेल पाए थे.
फ्लेमिंग ने टीम की खिताबी जीत के बाद कहा, ‘‘फ्रेंचाइजी के लिए दो साल का समय मुश्किल रहा. प्रतियोगिता में दोबारा वापसी करने की इच्छा तीव्र थी. खिलाड़ी प्रेरित थे (जीत के लिए).’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे गर्व है कि महत्वपूर्ण लम्हों पर कैसे अलग अलग खिलाड़ी भूमिका निभाने के लिए खड़े रहे. अनुभवी खिलाड़ियों ने जिस तरह रास्ता दिखाया उस पर मुझे गर्व है. हमारा मानना था कि टूर्नामेंट में वापसी करते हुए अनुभव हमारे लिए महत्वपूर्ण होगा.’’
फ्लेमिंग ने कहा कि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना जैसे खिलाड़ी जो निरंतरता लेकर आए उसने भी टीम के अभियान में बड़ी भूमिका निभाई.
उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रदर्शन में निरंतरता के लिए अनुभव को तवज्जो देते हैं, खिलाड़ी जो लगातार योगदान देते हैं, किसी एक मैच में नहीं. धोनी और रैना जैसे खिलाड़ी आपको टूर्नामेंट में काफी आगे ले जा सकते हैं.’’