चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ तिहरा शतक जड़कर करुण नायर रातों-रात स्टार बन गए थे. वह टेस्ट मैचों में तिहरा शतक लगाने वाले भारत के दूसरे बल्लेबाज थे, लेकिन अगले ही मैच में उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. इसके बाद उन्हें मौका मिला लेकिन प्रदर्शन दोहरा नहीं पाए.


उनके लिए यह दौर आसान नहीं था, लेकिन युवा बल्लेबाज अब उस दौर से मजबूत होकर निकल आया है. इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के इस सीजन में किंग्स इलेवन पंजाब ने उन्हें 5.6 करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा है.

करुण ने आईएएनएस से बातचीत में तिहरे शतक के बाद के दौर को याद करते हुए कहा कि वह समय उन्हें भावनात्मक स्तर पर मजबूत कर गया है. करुण अब सकारात्मक हैं और इसी सकारात्मकता से आईपीएल में उतरेंगे जहां राष्ट्रीय टीम में वापसी का ख्याल उनके दिमाग में होगा.

करुण ने कहा, "वो दौर मुझे यही सीखा कर गया कि चाहे मैं अच्छा करूं या खराब, मेरा भावनात्मक स्तर एक जैसा होना चाहिए. मैं अच्छा करूं तो ऐसा नहीं कि मैं ज्यादा ऊतावला हो जाऊं और बुरा करूं तो एक दम हताश हो जाऊं. मैंने चार-पांच महीने काफी कुछ सोचा कि ऐसा नहीं हो रहा है, वैसा नहीं हो रहा. उसके बाद मैंने सीखा कि मैं अपने भावनात्मक स्तर को एक जैसा बनाए रखूं."

इंग्लैंड के खिलाफ करुण ने 303 रनों की पारी खेली थी. यह उनका टेस्ट में पहला शतक था जिसे उन्होंने तिहरे शतक में तब्दील किया था. वह ऐसा करने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने थे.

बकौल करुण, "उस 300 के बाद से मैंने सिर्फ तीन पारियां खेली हैं. लेकिन, मेरा काम अच्छा खेलना है. बाकी कुछ मेरे हाथ में नहीं है. मैं हर मैच में यही सोचता हूं कि अच्छा स्कोर करना है और टीम को जिताना है. उसके बाद जो भी होगा देखा जाएगा."

करुणा आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स और दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेल चुके हैं. अब पंजाब के साथ उनकी एक नई शुरुआत है.

इस पर करुण नायर ने कहा, "नया सीजन है, नई टीम है. अभी टीम के साथ जुड़ के सभी को जानना है. मैं छह साल आईपीएल खेल चुका हूं. मेरे लिए आईपीएल खेलना नया नहीं, लेकिन हर साल अलग होता है और हर साल नई प्रेरणा होती है. पंजाब मेरे लिए अलग टीम भी है. पंजाब ने मुझ पर भरोसा जताया है. मैं इसके लिए उनका शुक्रिया अदा करता हूं."

करुण का मानना है कि पंजाब को अगर खिताब जीतना है तो मैच दर मैच ध्यान देना होगा.

उन्होंने कहा, "हर साल हर टीम को खिताब जीतने की चाहत होती है, लेकिन अंत में सिर्फ एक ही टीम जीतती है. मुझे लगता है कि हमें पहले से खिताब के बारे में सोचकर नहीं जाना चाहिए. एक बार में एक मैच पर ध्यान देना चाहिए. मैं भी इसी तरह सोच रहा हूं. मैच दर मैच आईपीएल में खेलूंगा."

पंजाब ने इस बार रविचंद्रन अश्विन को कप्तान नियुक्त किया है. करुण ने कहा कि अश्विन काफी चालाक खिलाड़ी हैं और इसी तरह वह टीम की कप्तानी करेंगे.

अश्विन को कप्तान को बनाए जाने पर उन्होंने कहा, "मैं अश्विन के साथ दो-तीन साल खेला हूं. मुझे लगता है वह काफी चालाक हैं. वह जल्दी-जल्दी फैसले लेते हैं और बहुत चतुराई भरे फैसले लेते हैं. आपने उनकी गेंदबाजी में भी देखा होगा कि उनके पास हर बल्लेबाज के लिए अलग रणनीति होती है. मुझे लगता है कि वह कप्तानी में भी ऐसे ही करेंगे और चालाकी भरे फैसले लेंगे. उनके पास हर टीम के लिए अलग रणनीति होगी."

दिल्ली और राजस्थान में करुण के कोच पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ थे. उनसे क्या सीखा, इस पर करुण ने कहा, "मैंने जब क्रिकेट शुरू की थी तब राहुल सर मेरे प्ररेणास्रोत थे. मेरे लिए वो बड़ा पला था कि वो मेरे कोच थे. उनसे मैं जब भी कुछ पूछता था तो कहते थे कि अपनी बल्लेबाजी में कुछ बदलाव मत करना. तुम्हारी बल्लेबाजी में वो सब है जो एक अंतर्राष्ट्रीय बल्लेबाज में होना चाहिए. उन्होंने हमेशा आत्मविश्वास दिया है. वो हर मैच में कहते थे कि अपना खेल खेलो."