इंडियन प्रीमियर लीग के 11वें सीजन में रविवार को खेले गए दूसरे मुकाबले में हर क्रिकेट प्रेमी की जुबां पर एक ही नाम था और वो थे महेन्द्र सिंह धोनी. किंग्स इलेवन पंजाब और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच खेले गए मुकाबले में भले ही किंग्स ने जीत दर्ज की हो लेकिन ये मुकाबला धोनी की पारी के लिए सालों याद रखा जाएगा.
मुश्किल परिस्थितियों में चेन्नई की ओर से धोनी अकेले किला लड़ा रहे थे. विरोधी टीम के गेंदबाजों से ज्यादा धोनी को अपनी पीठ दर्द से परेशानी हो रही थी. मैच के दौरान उन्हें डॉक्टरी मदद भी लेनी पड़ी लेकिन धोनी डटे रहे और यादगार पारी खेल कर नाबाद लौटे.
दर्द को लेकर धोनी ने क्या कहा
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के ताकतवार हाथों ने टीम को कई मैचों में विजेता बनाया है और शायद इसीलिए इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि पीठ दर्द के बाद भी गेंद को सीमा रेखा के पार भेजने का उनमें आत्मविश्वास है.
लॉफ्टेड शॉट के लिए बल्लेबाज को शरीर इस तरह रखना होता है कि वजन शॉट पर हो. पंजाब के खिलाफ कल खेले गए आईपीएल मैच में धोनी हालांकि चोट से परेशान थे फिर भी वह गेंद को आसानी से सीमा रेखा के पार भेज रहे थे.
धोनी की 44 गेंद में नाबाद 79 रन की ताबड़तोड़ पारी के बूते सुपरकिंग्स की टीम लक्ष्य के काफी करीब पहुंच गयी थी हालांकि टीम चार रन से मैच हार गई.
धोनी से जब पूछा गया कि पीठ दर्द के बाद भी वह लॉफ्टेड शॉट कैसे मार रहे थे, तो धोनी ने कहा, ‘‘दर्द के कारण पीठ की स्थिति काफी खराब है लेकिन भगवान ने मुझे ताकत दी है और शॉट खेलने के लिए मुझे पीठ का ज्यादा इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं. मेरे हाथ ये काम कर सकते हैं.’’
धोनी ने हालांकि कहा कि यह बहुत गंभीर चोट नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत बुरा नहीं होना चाहिए क्योंकि मुझे पता है क्या हुआ है. जब आपको अपनी चोट की गंभीरता के बारे में पता हो तो आप जानते हैं कि यह कितना बुरा है.’’