गुरूवार को दर्शकों की सांसे रूकी हुई थीं. जो मैच सनराइजर्स हैदराबाद की टीम आसानी से जीतती दिख रही थी उस मैच में मोड़ आ गया. आखिरी 3-4 ओवरों में मैच मुंबई इंडियंस की तरफ तेजी से घूमा. आखिरी गेंद तक मैच बराबरी पर था. सनराइजर्स को जीत के लिए एक रन चाहिए था और मुंबई को एक विकेट. 148 रनों के आसान से दिख रहे लक्ष्य को मुश्किल बनाने का श्रेय जाता है मुंबई के करामाती स्पिनर मयंक मारकंडे को. खास तौर पर जब सनराइजर्स हैदराबाद की टीम ने शुरूआती 7 ओवर में 60 से ज्यादा रन बगैर किसी नुकसान के जोड़ लिए थे. इसके बाद से ही विकेटों के गिरने का सिलसिला शुरू हुआ.


मुंबई के लिए मयंक मारकंडे ने गुरूवार को एक बार फिर शानदार गेंदबाजी की. उन्होंने अकेल दम पर सनराइजर्स हैदराबाद के 4 बड़े बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा. टॉप ऑर्डर और मिडिल ऑर्डर के इन बल्लेबाजों में सनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान शिखर धवन, ऋद्धिमान साहा, मनीष पांडे और शकीब अल हसन को आउट किया. मयंक मारकंडे किफायती भी रहे. उन्होंने 4 ओवर में सिर्फ 23 रन दिए. इससे पहले चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ मैच में भी उन्होंने 4 ओवर में 23 रन देकर 3 विकेट लिए थे. चेन्नई के खिलाफ मैच में उन्होंने अंबाती रायडू, कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और चाहर का विकेट लिया था.


क्या है मयंक मारकंडे की खासियत


मयंक मारकंडे की सबसे बड़ी खासियत है ‘एक्यूरेसी’. वो भारत के सबसे कामयाब स्पिनर अनिल कुंबले की तरह गजब के ‘एक्यूरेट’ हैं. कुंबले की गेंदबाजी को याद कीजिए तो आप भी मानेंगे कि उनकी गेंद ‘टर्न’ कम ही करती थी, लेकिन वो अपनी ‘एक्युरेसी’ से बल्लेबाजों को चकमा देते थे. लेग स्पिनर की कामयाबी का सबसे बड़ा राज होता भी यही है. इसके अलावा मयंक मारकंडे का ऐक्शन काफी तेज है. जिसे क्रिकेट की भाषा में ‘क्विक ऐक्शन’ गेंदबाज कहा जाता है. यजुवेंद्र चहल की तरह ही वो भी बल्लेबाज को संभलने का समय नहीं देते. ऑफ द पिच उनकी गेंद काफी तेजी से निकलती है. ये भी समझ आया है कि तेज ऐक्शन की वजह से उनकी गुगली को पकड़ने में बल्लेबाजों को दिक्कत आ रही है. चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ मैच में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी मयंक मारकंडे की गुगली से धोखा खा गए थे. उन्हें मयंक का ‘वेरिएशन’ समझ नहीं आया जिसकी वजह से वो विकेट के सामने खड़े रह गए. अंपायर ने उन्हें आउट नहीं दिया था लेकिन बाद में डीआरएस से महेंद्र सिंह धोनी को आउट करार दिया गया.


रिकॉर्ड बुक में नाम कमा रहे हैं मयंक मारकंडे


आईपीएल के इतिहास में एक मैच में 4 विकेट झटकने वाले गेंदबाजों में मयंक मारकंडे तीसरे सबसे कम उम्र के गेंदबाज बन गए हैं. मयंक मारकंडे ने इस सीजन के दो मैचों में 7 विकेट झटके हैं. दोनों मैचों के 4-4 ओवर मिलाकर कुल 8 ओवर में उन्होंने 46 रन दिए हैं. उनका इकॉनमी रेट 5.75 का है. सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की फेहरिस्त में वो पहले नंबर पर हैं. गुरूवार को उन्होंने 45 फीसदी गेंद ऐसी फेंकी जिस पर कोई रन नहीं बना. मयंक मारकंडे के आईपीएल खेलने की कहानी भी दिलचस्प है. उनके कोच पूर्व भारतीय क्रिकेटर रीतिंदर सोढ़ी के पिता है. मयंक पहले तेज गेंदबाज बनना चाहते थे. उनके कोच ने ही उन्हें सलाह दी कि वो तेज गेंदबाजी की बजाए लेग स्पिन पर जोर दें. मयंक ने उनकी बात मान ली और जल्दी ही उन्हें कामयाबी भी मिली. आईपीएल के इस सीजन में वो ‘टैलेंट हंट’ के जरिए पहुंचे. एक घरेलू मैच खेलने के बाद उन्हें अपने मोबाइल के ‘मिस्ड कॉल’ और ‘मैसेज’ से अपने मुंबई की टीम में चुने जाने की बात पता चली. जिसका भरोसा उन्हें बाद में हुआ जब मुंबई इंडियंस की टीम की तरफ से उन्हें फोन आया. सिर्फ 20 साल की उम्र में उन्होंने आईपीएल में जिस तरह की शुरूआत की है वो लंबी रेस का घोड़ा बन सकते हैं. बशर्ते उनका सिर और सोच दोनों जमीन पर रहे.