अश्विन की गेंदबाजी में एक और नया हथियार- भारत के सबसे सफल ऑफ स्पिनरों में से एक रविचंद्रन अश्विन जब इंडियन प्रीमियर में नई टीम के साथ मैदान पर उतरेंगे तो उनके तरकश में नई गेंद होगी. अब तक अपने ऑफ स्पिन,कैरम बॉल और ऑर्म बॉल से बल्लेबाजों को परेशान करने वाले अश्विन क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में लेग स्पिन करते दिखेंगे. अब तक चेन्नई सुपर किंग्स और फिर राइजिंग पुणे सुपरजाइंट की ओर से खेलने वाले अश्विन को किंग्स इलेवन पंजाब ने 7.6 करोड़ में खरीदा है.
अश्विन लेग स्पिन को अपने हथियारों में शामिल करेंगे. पिछले कुछ दिनों से वह इस पर लगातर काम कर रहे हैं. सोमवार को विजय हजारे ट्रॉफी में तमिलनाडु और गुजरात के बीच खेले गए मैच में अश्विन ने बीच-बीच में लेग स्पिन का भी इस्तेमाल किया. इस मैच को तमिलनाडु ने 76 रनों से जीता.
अश्विन भारत की टेस्ट टीम के प्रमुख सदस्य हैं. लेकिन वनडे टीम से उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. भले ही इशके पीछे उन्हें आराम देने की बात हो लेकिन अब युवा स्पिन गेंदबाजों-कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की गेंदबाजी देखने के बाद उनकी वापसी कठिन ही लगती है.
वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो ने अश्विन के हवाले से लिखा है, "आईपीएल में जाने के लिए यह मेरी रणनीति का हिस्सा है. मैं अपने हथियारों की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रहा हूं. चेन्नई में लीग क्रिकेट में मैंने अपने ऑफ स्पिन के एक्शन में अच्छी लेग स्पिन फेंकी थी."
उन्होंने कहा, "ऑफ स्पिन को पिछले 10 साल तक फेंकने के बाद कुछ चीजों में बदलाव करना चुौनौतीपूर्ण होता है. लेकिन मैं संतुष्ट नहीं होना चाहता. मैंने अपने करियर में कभी नहीं सोचा कि यह बहुत है."
अश्विन ने कहा कि वह इस पर अकेले ही काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "अभी तक इस पर सिर्फ मैंने ही काम किया है. मैं अपनी अकादमी में अपने कोचों से प्रतिक्रिया जानता रहता हूं. लक्ष्मीपति बालाजी ने मेरी काफी मदद की है."