इंडियन प्रीमियर लीग के 11वें सीजन के शुरुआत में विराट कोहली की अगुवाई वाली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम ने ऑक्शन से पहले ही सुर्खियां बटोर ली थी. कोहली के साथ फ्रेंचाइजी ने जिस खिलाड़ी को टीम से जोड़ा था वो थे सरफराज खान. बड़े-बड़े खिलाड़ियों को छोड़ सरफराज पर दांव चलना आरसीबी के लिए भारी पड़ा. न टीम का भला हुआ और न ही खुद सरफराज का. 20 साल के सरफराज इस सीजन में पिछले सीजन के चमत्कार को दोहरा नहीं पाए.


खराब प्रदर्शन के लिए सरफराज आलोचकों के निशाने पर रहे लेकिन उनका मानना है कि अभी उनके पास काफी समय है और वो देश के लिए क्रिकेट खेल सकते हैं. महज 12 साल की उम्र में स्कूल टूर्नामेंट में 439 रन बनाकर सुर्खियां बटोरने वाले सरफराज का कहना है कि अभी उनके पास काफी समय है और अगर सही समय और सही समर्थन, आत्मविश्वास का साथ उन्हें मिला तो वो देश के लिए अच्छी क्रिकेट खेल सकते हैं.


सरफराज ने आईएएनएस से कहा, "एक दो मैच ऊपर-नीचे होते ही हैं. सबका होता है. शुरू के कुछ मैच मुझे खिलाया नहीं और जब मुझे खिलाया तो मैं अच्छा कर रहा था, लेकिन जैसे ही मैं फॉर्म में आ रहा था आईपीएल ही खत्म हो गया."


सरफराज ने हैरिस शील्ड अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में रिजवी स्प्रिंगफील्ड के लिए खेलते हुए 421 गेंदों में रिकॉर्ड 439 रनों की पारी खेली थी, जिसमें 56 चौके और 12 छक्के शामिल थे. इस पारी से उन्होंने सचिन तेंदलुकर के 434 रनों के व्यक्तिगत श्रेष्ठ रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया था.


विराट कोहली की कप्तानी वाली बेंगलोर ने इस सीजन क्रिस गेल, शेन वॉटसन, लोकेश राहुल जैसे खिलाड़ियों को बाहर कर सरफराज को रिटेन किया था.


पिछले सीजन चोट के कारण टीम से बाहर रहे सरफराज का मानना है कि वह घुटने में लगी चोट के बाद शारीरिक और मानसिक दोनों तरीके से मजबूत होकर लौटे हैं. इसी चोट के कारण उनका घरेलू सीजन प्रभावित हुआ था.


उन्होंने चोट के बारे में कहा, "मुझे नहीं लगता की अब कोई दिक्कत है. मैं चोट के बाद और मजबूत हो कर आया हूं. साथ ही मानसिक तौर पर भी और मजबूत हुआ हूं. चोट जब लगती है तो उससे निकलते समय खिलाड़ी मानसिक तौर पर काफी मजबूत होता है. अभी मेरी उम्र ही क्या, मेरी क्रिकेट अभी शुरू हुई है. मुझे सही समय पर, सही आत्मश्विास के साथ मौका दिया तो मैं आने वाले दिनों में अच्छी क्रिकेट खेल सकता हूं. मुझे बस अपने अंदर आत्मविश्वास बनाए रखने की जरूरत है साथ ही समर्थन की भी जरूत है."


बेंगलोर के ड्रेसिंग रूम में विराट के अलावा, अब्राहम डिविलियर्स,ब्रेंडन मैक्कलम जैसे खिलाड़ी हैं. सरफराज का मानना है कि जब ड्रेसिंग रूम में इतने बड़े खिलाड़ी होते हैं तो सीखने के लिए काफी कुछ होता है.


बकौल सरफराज, "जब आपके साथ बड़े खिलाड़ी होते हैं तो आप उनके साथ रहकर काफी कुछ सीखते हो. डिविलियर्स जैसे खिलाड़ी के साथ मैं क्या उनसे पूरी दुनिया सीखती है, आम इंसान भी उनसे काफी कुछ सीखता है. मैंने उनके साथ मैदान के बाहर भी काफी कुछ सीखा. ब्रेंडन मैक्कलम जैसा इंसान मैंने नहीं देखा. वो शानदार शख्सियत हैं. काफी चुप-चुप रहते हैं."


डिविलियर्स ने हाल ही में अतंर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है. सरफराज को इस बात का दुख है कि वह अब साउथ अफ्रीकी खिलाड़ी को अंतर्राष्ट्रीय मैचों में नहीं देख पाएंगे.


उन्होंने कहा, "डिविलियर्स के रहने से काफी फर्क पड़ता था. ड्रेसिंग रूम में रहते तो एक अलग आत्मविश्वास मिलता था. उनके साथ खेलने की बात ही अलग है. अब इस बात का दुख हो रहा है कि उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलते नहीं देख पाएंगे सिर्फ आईपीएल वगैरह में ही देख पाएंगे. वह काफी शांत रहने वाले खिलाड़ियों में से हैं."


उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के रहने वाले सरफराज ने विराट के बारे में कहा, "विराट भाई से बात होती ही रहती है. वो काफी कुछ सिखाते रहते हैं और आत्मविश्वास देते हैं. उनके साथ रहते हैं तो वो सकारात्मक बात ही करते हैं."


सरफराज जब अंडर-19 इंडिया टीम में थे तब भारत के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रविड़ टीम के कोच थे. सरफराज ने अपनी सफलता का श्रेय द्रविड़ को भी दिया है और कहा है कि द्रविड़ के साथ रहकर वो तकनीकी तौर पर बेहतर हुए हैं.


सरफराज ने कहा, "द्रविड़ सर जैसे इंसान काफी कम हैं. उनसे काफी कुछ सीखने को मिला. आने वाले दिनों में उनके जैसे कोच मिलेंगे तो बेशक फायदा होगा. तकनीक के बारे में उनसे काफी कुछ सीखा. अभी भी जब उनसे मिलते हैं तो बात होती है."