IPL 2019: राजस्थान के खिलाफ धोनी के व्यवहार से नाराज हुए पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी
राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ चेन्नई के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर लगे सिर्फ 50 प्रतिशत जुर्माने को लेकर पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी ने अधिकारियों की आलोचना की है.
राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ चेन्नई के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर लगे सिर्फ 50 प्रतिशत जुर्माने को लेकर पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी ने अधिकारियों की आलोचना की है. बिशन सिंह बेदी ने ‘डरपोक’ अधिकारियों को आड़े हाथों लिया.
बेदी ने ट्वीट कर लिखा, ‘‘मीडिया ने धोनी के कल रात मैदान के अंदर आने को अंपायरों के खिलाफ बेहद अपरिपक्व विरोध करार दिया है जिस पर मैं हैरान हूं. मेरे लिये यह अबूझ पहेली है कि खेल पत्रकार गलती करने वाले स्थापित सितारों के खिलाफ ईमानदार अभिव्यक्ति करने से क्यों बचते हैं. यहां तक कि अधिकारियों का भी धोनी के प्रति डरपोक रवैया अपनाकर 50 प्रतिशत जुर्माना लगाना बचकाना है.’’
Am aghast w/media calls on Dhoni’s invasion o field as most immature protest against Umpires last night..puzzles me no end why sport scribes r petrified o honest expression against erring established stars..why even authorities are shamelessly timid-50% fine is kid-gloving MSD.!
— Bishan Bedi (@BishanBedi) April 12, 2019
यह घटना चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रायल्स के बीच यहां खेले गये आईपीएल मैच के दौरान घटी थी.
दरअसल अकसर शांत दिखने वाले कैप्टन कूल एमएस धोनी ने मैदान पर अपना आपा खो दिया. चेन्नई की पारी के आखिरी ओवर में अंपायर के एक गलत फैसले के खिलाफ धोनी मैदान पर उतर आए और बेहद गुस्से में नज़र आए. जिसकी वजह से धोनी को अपने मैच की 50 फीसद फीस भी गंवानी पड़ी.
चेन्नई को आखिरी ओवर में जीत के लिए 18 रनों की दरकार थी. रवींद्र जडेजा (नाबाद 9) ने निर्णायक ओवर फेंकने आए बेन स्टोक्स की पहली ही गेंद पर छक्का मारा. अगली गेंद नो बॉल हो गई और इस पर एक रन भी आया. महेंद्र सिंह धोनी (58) स्ट्राइक पर थे. उन्होंने ओवर की दूसरी गेंद पर दो रन लिए लेकिन अगली गेंद पर स्टोक्स ने उन्हें बोल्ड कर दिया.
चौथी गेंद पर मिशेल सैंटनर ने दो रन लिए. इस गेंद पर बावल हुआ क्योंकि चेन्नई का कहना था कि यह गेंद कमर से ऊपर थी इसलिए नो बॉल करार दी जानी चाहिए थी. इसी कारण धोनी भी मैदानी अंपायरों से बहस करने के लिए मैदान पर आ गए. लेकिन अंपायरों ने फैसला नहीं बदला.