इंडियन प्रीमियर लीग सीज़न 12 में आज सनराइज़र्स हैदराबाद और दिल्ली कैपिटल्स के बीच एलिमिनेटर मुकाबला खेला जा रहा है. जहां पर दिल्ली की टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का फैसला किया है. ये मुकाबला विशाखापट्टनम में शुरु हो रहा है, जहां पर एलिमिनेटर जीतने वाली टीम फाइनल में जाने के लिए उसे क्वालीफायर-2 में पहले क्वालीफायर में हारने वाली टीम चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ खेलेगी.
लेकिन आज के मुकाबले में हारने वाली टीम सीधे तौर पर टूर्नामेंट से बाहर हो जाएगी.
आज के मुकाबले के लिए दिल्ली की टीम एक अहम बदलाव के साथ उतर रही है. वो कोलिन इन्ग्रम के स्थान पर कोलिन मुनरो के साथ खेलेंगे. जबकि हैदराबाद की टीम ने भी आज के अहम मुकाबले के लिए एक बदलाव किया है. उन्होंने यूसुफ पठान को बाहर कर दीपक हूडा को टीम में जगह दी है.
दिल्ली का इस सीजन का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा है. अपनी ख्याति की काया पलट कर दिल्ली ने अपने आप को खिताबी रेस में बनाए रखा और अब वह पहली बार फाइनल में जाने से सिर्फ दो कदम दूर है. इसमें पहली रुकावट हैदराबाद है जो बीते वर्षों में लगातार दमदार खेल से खिताब की दावेदार के रूप में देखी जाती रही है.
दिल्ली के लिए अधिकतर खिलाड़ियों का प्लेऑफ में खेलने का अनुभव नहीं है, ऐसे में बड़े मैच में दबाव से दिल्ली को पहले निपटना होगा.
टीम की सबसे अच्छी बात यह रही है कि टीम संतुलित है. बल्लेबाजी और गेंदबाजी के अलावा फील्डिंग में टीम ने अच्छा किया है. दिल्ली के लिए सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने निरंतरता दिखाते हुए खूब रन बटोरे हैं. बड़े मैचों में उनका अनुभव और मौजूदा फॉर्म दिल्ली को मजबूत करेगी.
युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ और ऋषभ पंत टुकड़ों में अच्छा कर रहे हैं. वहीं कप्तान श्रेयस अय्यर का बल्ला भी लगातार रन कर रहा है. इन सभी ने दिल्ली की बल्लेबाजी को मजबूत बनाया है तो वहीं क्रिस मौरिस और शेरफाने रदरफोर्ड ने अंतिम ओवरों में कई मौकों पर टीम को तेजी से रन बनाकर दिए हैं.
हां, गेंदबाजी में कागिसो रबाडा का जाना दिल्ली के लिए बुरी खबर रही है. अपने आखिरी लीग मैचों में दिल्ली रबाडा के बिना उतरी थी. टीम के कोच रिकी पोंटिंग ने कहा था कि ट्रेंट बोल्ट में रबाडा की कमी पूरी करने की काबिलियत है, लेकिन परेशानी यह है कि बोल्ट शुरूआती ओवरों में कारगार साबित होते हैं, लेकिन अंतिम ओवरों में वह कई बार राह भटक जाते हैं. दिल्ली के पास ईशांत शर्मा जैसा अनुभवी गेंदबाज भी है.
स्पिन में अमित मिश्रा ने बेहतरीन किया है और दूसरे छोर पर संदीम लामिछाने उनका अच्छा साथ देने की काबिलियत रखते हैं.
मुश्किलें हैदराबाद के सामने भी कम नहीं हैं. जॉनी बेयरस्टो और डेविड वॉर्नर की सलामी जोड़ी के जाने के बाद उसकी बल्लेबाजी कमजोर हुई है, इसमें कोई दो राय नहीं है. रिद्धिमान साहा और मार्टिन गुप्टिल की नई जोड़ी ने कुछ हद तक इन दोनों की भरपाई करने की कोशिश की लेकिन इस लीग में ज्यादा मैच न खेलने की कमी बड़े मैच में दिक्कत दे सकती है.
कप्तान केन विलियम्सन और मनीष पांडे ने लीग के दूसरे हाफ में अपनी बल्लेबाजी का जौहर दिखाया है और मध्यक्रम में अगर यह दोनों चलते हैं तो पूर्व विजेता के लिए काफी चीजें आसान हो सकती हैं, लेकिन अगर विफल रहे तो नैया भी डूब सकती है.
गेंदबाजी में हैदराबाद के पास अच्छा संयोजन है. भुवनेश्वर कुमार बेशक इस सीजन में निरंतर नहीं रहे हैं, लेकिन उनकी काबिलियत किसी भी टीम को उन्हें हल्के में लेने की मंजूरी नहीं देती है. खलील अहमद ने बीते कुछ मैचों में दमदार प्रदर्शन किया है.
वहीं राशिद खान के रूप में हैदराबाद के पास मजबूत गेंदबाज है और दूसरे छोर पर उनका साथ देने के लिए उन्हीं के हमवतन मोहम्मद नबी हैं.
ये हैं आज के एलीमिनेटर के लिए टीमें:
दिल्ली कैपिटल्स: श्रेयस अय्यर (कप्तान), ऋषभ पंत (विकेटकीपर), पृथ्वी शॉ, अमित मिश्रा, कॉलिन मुनरो, क्रिस मौरिस, ट्रेंट बाउल्ट, शिखर धवन, अक्षर पटेल, ईशांत शर्मा, शेरफेन रदरफोर्ड.
सनराइजर्स हैदराबाद: केन विलियम्सन (कप्तान) भुवनेश्वर कुमार, खलील अहमद, बासिल थम्पी, मार्टिन गुप्टिल, दीपक हुड्डा, मोहम्मद नबी, मनीष पांडे, राशिद खान, रिद्धिमान साहा, विजय शंकर