जोस बटलर का मानना है कि राजस्थान रॉयल्स के इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12वें संस्करण के पहले मैच में उन्हें मांकड़िंग के जरिए आउट करना शायद गलत निर्णय था और इससे संबंधित सभी नियम स्पष्ट होने चाहिए.


'क्रिकइंफो' ने बटलर के हवाले से बताया, "जाहिर तौर पर खेल में मांकड़िंग जैसे नियम होने चाहिए क्योंकि एक बल्लेबाज रन लेने से पहले आधी पिच तक नहीं आ सकता, लेकिन मैं समझता हूं कि जैसे नियम लिखे गए हैं उसमें 'जब एक गेंदबाज गेंद छोड़ने वाला हो' से जुड़े हिस्से पर स्पष्टीकरण की जरूरत है."


इंग्लैंड के बल्लेबाज को किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान रविचंद्रन अश्विन ने मांकड़िंग कर पवेलियन भेजा था. बटलर ने कहा, "उस समय मैं बहुत निराश था. मुझे वो तरीका पसंद नहीं आया और मुझे लगा कि टूर्नामेंट की शुरुआत में यह एक खराब उदाहरण है. टूर्नामेंट के लिए भी इस तरह की शुरुआत अच्छी नहीं थी."


इससे जुड़ा मौजूदा नियम 41.16 कहता कि "अगर नॉन स्ट्राइकर, गेंदबाज के गेंद छोड़ने से पहले क्रीज से बाहर रहता है तो वह रनआउट किया जा सकता है." बटलर के मामले में मुख्य मुद्दा गेंद को छोड़े जाने की समय सीमा का है.


मेरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने शुरुआत में कहा कि यह खेल भावना के खिलाफ नहीं है, लकिन बाद में अपने बयान से पलटते हुए कहा कि अश्विन का कदम सही नहीं था.


बटलर ने कहा, "अगर आप वीडियो देखें, तो शायद गलत निर्णय लिया गया क्योंकि जब अश्विन को गेंद छोड़नी चाहिए थी तब मैं क्रीज में था. इससे अधिक खराब बात यह थी कि अगले दो मैचों में इसके बारे में कुछ ज्यादा ही सोचने लगा और इससे मेरा ध्यान भी भटका. ऐसा बहुत कम होता है कि आप आमतौर पर उस बारे में नहीं सोच रहे होते हैं."


उन्होंने कहा, "उस घटना के कारण अगले कुछ मैचों तक मेरा ध्यान भटका रहा इसलिए जब मैंने रन बनाए और नॉन स्ट्राइकर छोर के बारे में कम सोचा तो मुझे अच्छा महसूस हुआ."