नई दिल्ली. पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन बेहतरीन कलात्मक बल्लेबाजी की वजह से जाने जाते हैं. अब इसी नाम का एक और नया सितारा भारतीय क्रिकेट में अपना पहचान बना रहा है. यह बल्लेबाज अपनी कलात्मक नहीं बल्कि तूफानी बल्लेबाजी की वजह से चर्चा में है. उम्मीद की जा रही है इस महीने होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग की नीलामी में अजहर पर तमाम फ्रेंचाइजी टीम की नजर रहेगी.


केरल के लिए खेलने वाले 26 साल के विकेटकीपर बल्लेबाज अजहरुद्दीन ने हाल में खत्म हुए सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी एक तूफानी पारी खेली थी. 5 मुकाबलों में 137 रन की नाबाद पारी के दम पर 214 रन बनाए. टूर्नामेंट में 17 चौके और 15 छक्के लगाए. मुंबई के खिलाफ सिर्फ 37 गेंदों पर शतक जड़कर इस नाम को क्रिकेट की दुनिया में एक बार फिर सुर्खियां बटोरने पर मजबूर कर दिया.


अजहरुद्दीन का जन्म 22 मार्च 1994 को केरल के थालांगारा में हुआ था. उनका यह नाम उनके बड़े भाई ने रखा था. उनके बड़े भाई पूर्व कप्तान अजहरुद्दीन के प्रशंसक थे और यही वजह थी कि उन्होंने अपने छोटे भाई का नाम मुहम्मद अजहरुद्दीन रख दिया.


हालांकि, उनके माता-पिता तो उनका नाम कुछ और ही रखना चाहते थे. बड़े भाई को उम्मीद थी कि उनका भाई भी कप्तान अजहर की तरह आक्रामक बल्लेबाजी करेगा. संयोग देखिए, बड़े भाई की उम्मीद को 26 साल बाद सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में छोटे भाई ने सही साबित कर दिखाया.


वानखेड़े स्टेडियम में 13 जनवरी को खेले गए एलीट ग्रुप-ई के मुकाबले में मात्र 20 गेंदों में अर्धशतक और 37 गेंदों में ही शतक पूरा किया. इसके साथ ही वह सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में केरल की तरफ से शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज बन गए. वह इस टूर्नामेंट में दूसरा सबसे तेज शतक लगाने वाले खिलाड़ी भी बने.


सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड अभी भी रिषभ पंत के नाम है, जिन्होंने 32 गेंदों में शतक जड़ा था. अजहरुद्दीन के 137 रन टी-20 क्रिकेट में किसी भारतीय बल्लेबाज का तीसरा सर्वोच्च निजी स्कोर है. उन्होंने इस मामले में केएल राहुल को पीछे छोड़ दिया. राहुल ने आइपीएल-2020 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ 132 रनों की पारी खेली थी. अभी इस सूची में शीर्ष पर श्रेयस अय्यर हैं.