मिनी ऑक्शन की जगह खिलाड़ियों का ड्रॉफ्ट चाहती हैं फ्रेंचाइजियां, BCCI से की अपील- हर तीन साल में हो मेगा नीलामी
IPL 2023: फ्रेंचाइजियां चाहती हैं कि बोर्ड मिनी ऑक्शन की जगह खिलाड़ियों का ड्रॉफ्ट करा दे और हर तीन साल में एक बार मेगा ऑक्शन का आयोजन हो.
IPL 2023: इंडियन प्रीमियर लीग के 16वें सीजन के लिए मिनी ऑक्शन का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया, लेकिन इसके बावजूद टीमें इससे पूरी तरह संतुष्ट नहीं दिख रही हैं. फ्रेंचाइजियां चाहती हैं कि बोर्ड मिनी ऑक्शन की जगह खिलाड़ियों का ड्रॉफ्ट करा दे और हर तीन साल में एक बार मेगा ऑक्शन का आयोजन किया जाए. अब देखना यह होगा कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को ये आइडिया कितना पसंद आता है.
क्यों हो रही ड्रॉफ्ट की मांग?
मिनी ऑक्शन होने के बावजूद सैम कर्रन को 18.5 करोड़ रूपये की कीमत मिली. कैमरन ग्रीन (17.5 करोड़), बेन स्टोक्स (16.25 करोड़), निकोलस पूरन (16 करोड़) और हैरी ब्रूक (13.25) भी काफी महंगे दामों में बिके. ब्रूक के लिए राजस्थान रॉयल्स ने 13 करोड़ रूपये की बोली लगा दी थी और यदि ब्रूक उन्हें मिले होते तो उनका पूरा पर्स एक ही खिलाड़ी को खरीदने में खाली हो गया होता. यदि ड्रॉफ्ट ला दिया जाएगा तो हर किसी की प्राइस तय हो जाएगी और ऐसे में नीलामी में खिलाड़ियों पर होने वाला अतिरिक्त खर्चा समाप्त हो जाएगा.
2025 में होना है मेगा ऑक्शन
मेगा ऑक्शन का आयोजन 2022 सीजन के लिए कराया गया था तो अब इसका आयोजन 2025 सीजन के लिए कराया जाएगा. हाल ही में कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि विदेशी खिलाड़ियों के एजेंट अपने खिलाड़ियों को मेगा ऑक्शन में नहीं लाना चाहते क्योंकि मिनी ऑक्शन में अधिक पैसे मिलने की उम्मीद रहती है. फिलहाल बीसीसीआई के पास फैसला लेने के लिए काफी समय है. पाकिस्तान सुपर लीग जैसे तमाम टी20 लीग्स में ड्रॉफ्ट का ही इस्तेमाल किया जाता है और यही वजह है कि खिलाड़ी आईपीएल के अलावा अन्य कहीं अधिक पैसा नहीं कमा पाते हैं.
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