By: शिवेन्द्र कुमार सिंह, वरिष्ठ खेल पत्रकार



पता नहीं आपने गौर किया या नहीं लेकिन अगर नहीं किया तो अभी देर नहीं हुई है. आईपीएल का दसवां सीजन अभी आधी दूरी तक भी नहीं पहुंचा है. अब से लेकर आगे के मैचों में आप बस एक बात पर गौर कीजिएगा- आईपीएल में ‘लप्पेबाजी’ करने वाले बल्लेबाजों के दिन खत्म होते दिख रहे हैं. इक्का दुक्का पारियों को छोड़ दिया जाए तो रन बनाने में और कंसिसटेंसी के मामले में ज्यादातर वही बल्लेबाज सफल हुए हैं जिन्होंने सीधे बल्ले से गेंद को खेला हो. सीधे बल्ले से खेलना यानि क्रिकेट के वो ‘बेसिक’ शॉट्स लगाना जो कोई भी बल्लेबाज सीखता है. साथ ही उन बल्लेबाजों को ज्यादा कामयाबी मिली है जिन्होंने खुद को टी-20 फॉर्मेट में ढालने का काम किया है. कुछ खिलाड़ियों और उनकी पारियों पर गौर कीजिए



बदले बदले नजर आ रहे हैं डेविड वॉर्नर



सनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान डेविड वॉर्नर इस बात का सबूत हैं. सीजन की शुरूआत में उन्होंने पहले मैच में सिर्फ 14 रन पर अपना विकेट गंवा दिया. दूसरे मैच से ही उनकी बल्लेबाजी में बदलाव दिखाई दिया. उन्होंने गुजरात के खिलाफ अपनी पारी में 16वें ओवर तक बल्लेबाजी की. इस दौरान उन्होंने 76 रन बनाए. तीसरे मैच में मुंबई के खिलाफ भी उन्होंने संभलकर बल्लेबाजी की और 49 रन बनाए. कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ उन्होंने 30 गेंद खेलकर सिर्फ 26 रन बनाए. किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ एक बार फिर डेविड वॉर्नर की बल्लेबाजी में संयम दिखा. उन्होंने पूरे 20 ओवर तक बल्लेबाजी की और नॉट आउट पवेलियन लौटे. इस पारी में उन्होंने 54 गेंद पर 70 रन बनाए. पिछले मैच में वॉर्नर नाकाम रहे और सिर्फ 4 रन ही बना सके. वॉर्नर की इस सूझबूझ भरी बल्लेबाजी की बदौलत ही उनकी टीम अब तक खेले गए 6 में से 4 मैच जीतकर प्वाइंट टेबल में दूसरे नंबर पर है. लगे हाथ ये भी जान लीजिए कि इस सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों में अब तक सबसे आगे डेविड वॉर्नर ही हैं. उन्होंने 6 मैच में 239 रन बनाए हैं. एक और राज ये है कि 170 की स्ट्राइक से सीजन की शुरूआत करने वाले वॉर्नर अब 134 की स्ट्राइक से रन बना रहे हैं लेकिन उनकी कंसिसटेंसी शानदार है. 





दिल्ली के खिलाफ केन विलियम्सन की पारी 



न्यूजीलैंड के केन विलियम्सन इस सीजन का पहला मैच खेल रहे थे. ये दिलचस्प संयोग है कि पिछले महीने ही न्यूजीलैंड के टी-20 प्लेयर ऑफ द इयर से नवाजे गए केन विलियम्सन को पहला मैच खेलने के लिए 6 मैचों तक इंतजार करना पड़ा. बावजूद इसके जब वो मैदान पर उतरे तो उन्होंने 51 गेंद पर 89 रन बनाए. इसमें 6 चौके और 5 छक्के शामिल थे. पूरे मैच में विलियम्सन की बल्लेबाजी देखने लायक थी. उन्होंने एक बार भी ‘नॉन क्रिकेटिंग शॉट’ नहीं लगाया. मैथ्यूज और अमित मिश्रा के ओवरों में जो 2-2 छक्के उन्होंने लगाए उनमें भी उनकी टाइमिंग देखने लायक थी. 





खूब चल रहा है विराट का सीधा बल्ला



विराट कोहली की बल्लेबाजी भी कमाल की रही है. कंधे की चोट से उबर कर मैदान में लौटने के बाद उन्होंने जो 3 मैच अब तक खेले हैं उसमें वो 2 अर्धशतक लगा चुके हैं. मुंबई के खिलाफ 62 और गुजरात के खिलाफ 64 रनों की अपनी पारियों में विराट कोहली ने खूबसूरत बल्लेबाजी की है. विराट कोहली को इस वक्त दुनिया का बेहतरीन बल्लेबाज इसीलिए कहा जाता है क्योंकि वो टेस्ट, वनडे और टी-20 तीनों फॉर्मेट में खुद को बड़ी तेजी से बदलते हैं. विराट इस सीजन के शुरूआती मैचों में गियर बदलने की ये काबिलियत दिखा चुके हैं. 





सीधे बल्ले से बल्लेबाजी करने वाले खिलाड़ियों में संजू सैमसन और मनीष पांडे का उदाहरण भी जरूरी है. संजू सैमसन ने इस सीजन का पहला शतक लगाया है. वो टॉप 10 बल्लेबाजों की फेहरिस्त में चौथे नंबर पर हैं. उनके नाम 5 मैच में 215 रन हैं. कोलकाता नाइटराइडर्स के लिए शानदार बल्लेबाजी कर रहे मनीष पांडे टॉप 10 बल्लेबाजों में तीसरी पायदान पर हैं. उन्होंने 5 मैचों में 221 रन बनाए हैं. इन सभी खिलाड़ियों की पारियों ने आईपीएल को लेकर ये सोच बदली है कि इस फॉर्मेट में बल्लेबाज का काम सिर्फ आंख मूंदकर बल्ला भांजना होता है गेंद बैट पर आई तो बल्ले बल्ले नहीं तो थल्ले थल्ले. अब कामयाबी का मंत्र सीधा है कि जिस गंभीरता के साथ टेस्ट या वनडे में बल्लेबाजी की जाती है उसी गंभीरता के साथ इस फॉर्मेट को भी लिया जाए और गेंद को उसकी ‘मेरिट’  पर खेला जाए.