कोरोना वायरस की वजह मैदान पर क्रिकेटर्स के खेल जा जलवा देखने को नहीं मिल रहा है. लेकिन इस दौरान खिलाड़ी अपने करियर से जुड़े ऐसे पहलू शेयर कर रहे हैं जो अब तक सामने नहीं आए. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने खुलाया किया है कि पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कोच और दिग्गज बल्लेबाज जावेद मियांदाद के एक बयान से उनके पिता नाराज हो गए थे और मियांदाद से मिलना चाहते थे.


भारतीय टीम ने 2004 की शुरुआत में पाकिस्तान का दौरा किया था. दोनों देशों के बीच करीब 5 साल बाद ये बहुप्रतीक्षित द्विपक्षीय सीरीज खेली गई थी. इस सीरीज से पहले ही इरफान पठान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने प्रदर्शन से खासी चर्चा बटोर चुके थे. ऐसे में पाकिस्तान दौरे पर उन्हें भारतीय गेंदबाजी का मुख्य आधार माना जा रहा था.


उस दौरान पाकिस्तान के कोच रहे मियांदाद ने इरफान के बारे में कहा था कि पठान जैसे गेंदबाज तो पाकिस्तान की गलियों में आसानी से मिल जाते हैं.


अपने बेटे को लेकर इस तरह के बयान से इरफान के पिता बेहद खफा थे. इस बारे में बात करते हुए इरफान ने स्टार स्पोर्ट्स के कार्यक्रम ‘क्रिकेट कनेक्टेड’ में बताया, “मुझे याद है, मेरे पिता ने खबरों में ये पढ़ा था और उन्हें ये पसंद नहीं आया. मुझे याद है कि आखिरी मैच के लिए वो पाकिस्तान आए थे और मुझसे बोले कि मैं पाकिस्तान के ड्रेसिंग रूम में जाकर जावेद मियांदाद से मिलना चाहता हूं और मैंने कहा कि मैं नहीं चाहता आप वहां जाएं.”


इरफान ने आगे बताया कि जैसे ही मियांदाद ने उनके पिता को देखा तो वो खड़े हो गए और बोले- ‘मैंने आपके बेटे के लिए कुछ नहीं कहा.’ पठान ने बताया कि उनके पिता हंस रहे थे और उन्होंने मियांदाद को जवाब देते हुए कहा कि वो उनसे कुछ बोलने नहीं बल्कि मिलने आए हैं क्योंकि वो शानदार खिलाड़ी थे.


भारत के नाम रही थीं दोनों सीरीज


भारतीय टीम ने इस सीरीज से पहले आखिरी बार 1997-98 में पाकिस्तान का दौरा किया था, लेकिन 1999 के कारगिल युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच कोई द्विपक्षीय सीरीज नहीं हुई थी और इस सीरीज से भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट के रिश्तों की वापसी हुई थी.


भारत ने पहले पाकिस्तान को 3-2 से वनडे सीरीज में हराया और पहली बार पाकिस्तान को उसकी ही धरती में मात देते हुए फिर 2-1 से टेस्ट सीरीज जीत ली थी.


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