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संन्यास के बाद इरफान पठान ने पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ का किया शुक्रियाअदा
इरफान ने बीते साल अपना पहला प्रथम श्रेणी मैच खेला था और इसके बाद वह कमेंटेटर बन गए. इरफान ने प्रथम श्रेणी में कुल 4559 रन बनाए और 384 विकेट लिए.
एक दिन पहले क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने वाले भारतीय टीम के हरफनमौला खिलाड़ी इरफान पठान ने कहा है कि उनके लिए इंटरनेशनल क्रिकेट का सफर शानदार और संतोषप्रद रहा. इरफान ने यह भी कहा कि वह आज जो कुछ भी हैं, उसका श्रेय क्रिकेट को देना चाहते हैं. साथ ही इरफान ने अपने दो पूर्व कप्तानों-सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ के योगदान को भी याद किया और कहा कि गांगुली ने जहां उनके अंदर भरोसा जगाया वहीं द्रविड़ ने उन्हें अधिक से अधिक मौके दिए.
35 साल के पठान ने भारत के लिए सभी फारमेट्स में कुल 173 मैच खेले और 2821 रन बनाए.
पठान ने भारत के लिए 29 टेस्ट, 120 वनडे और 24 टी-20 मैच खेले हैं. इरफान ने 2004 में पाकिस्तान दौरे से सुर्खियां बटोरी थीं. इरफान ने कहा, "मेरे लिए यह यात्रा शानदार और संतोषप्रद रही है. आप हमेशा बेहतर करना चाहते हैं. आप हमेशा अधिक मौके चाहते हैं. आप हमेशा खेल के हर प्रारूप में देश के लिए कुछ करना चाहते हैं लेकिन आप हर बार सफल नहीं हो सकते."
इरफान ने कहा, "मुझे याद है कि मेरे पुराने साथी कहा करते थे कि मैंने अपने क्रिकेट काल में अच्छे दिनों की तुलना में खराब दिन अधिक देखे हैं. लेकिन मेरे लिए क्रिकेट सबसे ऊपर है और मैं आज जो कुछ भी हूं इस खेल की बदौलत हूं."
इरफान भारत की कई अहम जीतों का हिस्सा रहे, जिसमें 2007 टी-20 विश्व कप शामिल है. वह टेस्ट में भारत की तरफ से हैट्रिक लेने वाले दूसरे गेंदबाज हैं. उन्होंने 2006 में कराची टेस्ट में पहले ही ओवर में हैट्रिक ली थी.
अपने क्रिकेट करियर के सबसे महान पलों के बारे में बात करते हुए इरफान ने कहा, "इस तरह के कई पल हैं लेकिन टी20 विश्व कप जीतना और फाइनल में मैन ऑफ द मैच बनना मेरे लिए सबसे खास है. इसके अलावा दो ऐसे पल हैं, जो मेरे दिल के करीब हैं."
इरफान ने बीते साल अपना पहला प्रथम श्रेणी मैच खेला था और इसके बाद वह कमेंटेटर बन गए. इरफान ने प्रथम श्रेणी में कुल 4559 रन बनाए और 384 विकेट लिए.
अपने दो पूर्व कप्तानों-गांगुली और द्रविड़ की देखरेख में सबसे अधिक इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाले इरफान इन दोनों को अलग तरीके से याद करते हैं. इरफान ने कहा, "इन दोनों के बीच तुलना अच्छा नहीं होगा. हर कोई जानता है कि जब गांगुली भारतीय टीम के कप्तान बने थे, तब हालात काफी कठिन थे. उन्होंने जिस तरह टीम को मैनेज किया वह शानदार है. गांगुली ने मुझे खुद पर भरोसा करना सिखाया और जहां तक द्रविड़ की बात है तो वह कई मामलो में शानदार कप्तान थे. उन्होंने सीनियर्स और जूनियर्स को शानदार तरीके से मैनेज किया. युवाओं को वह अधिक मौका देते थे और मेरे साथ भी यही हुअ. उनकी कप्तानी में मुझे टॉप में बैटिंग का मौका मिला और फिर नई गेंद से गेंदबाजी करने का भी मौका मिला."
इरफान ने कहा कि सचिन तेंदुलकर ने ही यह आइडिया टीम प्रबंधन को दिया था कि मुझसे ओपनिंग कराई जानी चाहिए. बकौल इरफान, "यह सचिन के विचार थे. यह सिर्फ ग्रेग चैपल का विचार नहीं था. मैंने हमेश बल्लेबाजी का लुत्फ लिया है. मैं जूनियर स्तर पर भी टॉप आर्डर में बल्लेबाजी किया करता था. लोग कहते हैं कि बल्लेबाजी के कारण मेरी गेंदबाजी खराब हुई लेकिन ऐसा नहीं था. मैंने अचानक बल्लेबाजी नहीं शुरू की थी. यह मैं काफी पहले से करता आ रहा था."
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प्रफुल्ल सारडा,राजनीतिक विश्लेषक
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