हरफनमौला खिलाड़ी इरफान पठान ने शनिवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी. पठान ने भारत के लिए 29 टेस्ट, 120 वनडे और 24 टी-20 मैच खेले हैं. उन्होंने कहा, "मैं अपने टीम के साथियों का धन्यवाद करता हूं. मुझे नहीं पता था कि मैं बड़ौदा से आऊंगा और सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग जैसे खिलाड़ियों के साथ खेल पाऊंगा. मैं अपने परिवार, कोच, टीम के साथियों और सबसे ज्यादा अपने प्रशंसकों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं."


इरफान ने 2004 में पाकिस्तान दौरे से सुर्खियां बटोरी थीं. वह भारत की कई अहम जीतों का हिस्सा रहे, जिसमें 2007 टी-20 विश्व कप शामिल है. वह टेस्ट में भारत की तरफ से हैट्रिक लेने वाले दूसरे गेंदबाज हैं. उन्होंने 2006 में कराची टेस्ट में पहले ही ओवर में हैट्रिक ली थी.

पठान को भारत के दिग्गज हरफनमौला खिलाड़ियों में गिना जाता है. उन्होंने भारत के लिए अपना आखिरी टेस्ट दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2008 में खेला था. वनडे और टी-20 में वह भारतीय टीम में आखिरी बार 2012 में शामिल किए गए थे.

बड़ौदा में जन्में इस क्रिकेटर को पर्थ में 2008 में शानदार प्रदर्शन के लिये मैन आफ द मैच चुना गया लेकिन इसके बाद वह केवल दो टेस्ट ही और खेल पाए.

उन्होंने कहा, ''लोग पर्थ टेस्ट की बात करते हैं और अगर लोग पूरे आंकड़ों पर गौर करें तो इसके बाद मैं केवल एक टेस्ट (असल में दो टेस्ट) ही और खेला. मैं उस मैच में मैन आफ द मैच था लेकिन फिर मुझे मौके नहीं मिले. यहां तक दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने आखिरी मैच में मैं आलराउंडर के रूप में खेला था. मैंने नंबर सात पर बल्लेबाजी की थी.''