ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे मैच में भारतीय टीम को 34 रन से हार का सामना करना पड़ा. ऑस्ट्रेलिया के द्वारा दिए गए 289 रनों के जवाब में भारत के लिए के रोहित शर्मा ने (133) शतकीय और पूर्व कप्तान महेंद्र धोनी ने अर्द्धशतकीय पारी खेली. इसके बावजूद भारत इस मैच को नहीं जीत पाई.
लगभग एक महीने के बाद वनडे मैच खेल रहे धोनी ने 96 गेंदों में 51 रनों रन बनाए. वापसी के लिहाज से धोनी की यह पारी काफी मायने रखती है लेकिन उनके इस पारी पर अब सवाल उठने लगे हैं.
दरअसल यह दूसरा मौका था जब धोनी ने इतनी अधिक गेंदों का सामना कर अपना अर्द्धशतक पूरा किया है. करियर के शुरुआती दौर में धोनी को तेजी से रन बटोरने के लिए जाना ताजा था लेकिन पिछले कुछ सालों से धोनी अपनी बल्लेबाजी की धार खोते जा रहे हैं.
धोनी को रन बनाने में लगातार परेशानी का सामना करना पड़ है. यही वजह है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ फटाफट फॉर्मेट घरेलू टी-20 सीरीज में धोनी को भारतीय टीम में शामिल नहीं किया गया था. इतना ही ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी धोनी को टी-20 सीरीज से बाहर रखा गया था.
आपको बता दें कि वनडे करियर में धोनी ने दूसरी बार सबसे धीमी अर्द्धशतक लगाया है. धोनी ने 50 रन पूरा करने के लिए कुल 93 गेंदों का सामना किया. इससे पहले धोनी ने साल 2017 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 108 गेंदों में अपना अर्द्धशतक पूरा किया था. धोनी का यह अर्द्धशतक सबसे धीमा माना जाता है.
पहले वनडे में मिली हार के बाद कप्तान कोहली ने भी कहा कि बल्लेबाजों ने टीम को अच्छी शुरुआत नहीं दी और साथ ही कहा कि धीमी बल्लेबाजी भी हार का एक प्रमुख कारण रहा है.
ऑस्ट्रेलिया गेंदबाजों ने भारत के बल्लेबाजों पर इस तरह का दवाब बनाया कि शतकवीर रोहित शर्मा को भी अपना खाता खोलने के लिए 17 गेंदों का इंतजार करना पड़ा. ऐसे में सीरीज के दूसरे मैच में भारतीय टीम की कोशिश रहेगी पहले मैच में हुई गलतियों को ना दोहराएं.