वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 टीम से विश्वकप विजेता टीम के कप्तान रहे महेंद्र सिंह धोनी को बाहर किए जाने के बाद कई तरह के सावल उठ रहे हैं. कई लोगों का मानना है कि धोनी का टी-20 करियर अब खत्म हो गया तो कईयों का मानना यह भी है कि भारतीय टीम वर्ल्डकप को ध्यान में रखते हुए धोनी की जगह किसी युवा खिलाड़ी को मौका देकर एक स्थापित विकेटकीपर की खोज कर रही है.


हालांकि, धोनी को टीम से बाहर किए जाने के बाद मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने सफाई देते हुए कहा कि उन्हें टीम से निकाला नहीं गया है बल्कि आराम दिया गया है, लेकिन सवाल यह है कि विदेशी सरजमीन पर अनुभवी धोनी को दिया गया यह आराम क्या टीम इंडिया के लिए फायदेमंद साबित होगा. इस बीच धोनी ने भी चयनकर्ताओं के इस फैसले पर कुछ नहीं कहा है.


इसमें कोई दो राय नहीं कि पिछले कुछ समय से धोनी बल्लेबाजी में खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं. वे कुछ खास नहीं कर रहे हैं लेकिन विकेट के पीछे उनके अनुभव को टीम के कप्तान विराट कोहली अच्छी तरह से जानते हैं. धोनी ना सिर्फ कीपिंग बल्कि कोहली को कप्तानी और मैच के दौरान रणनीति बनाने में भी योगदान देते हैं.


इसके अलावा धोनी एक खिलाड़ी के तौर जब मैदान पर उतरते हैं तो विरोधी टीम पर एक अतिरिक्त दवाब बना रहता है. धोनी जैसा क्रिकेटर कभी भी फॉर्म में वापसी कर सकते हैं और वह किसी भी विरोधी टीम के लिए बुरे सपने से कम नहीं होगा.


इस बात का प्रमाण हमें आईपीएल के दौरान भी मिला था और धोनी ने चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए कई बार फिनिशर की भूमिका निभाई और टीम को तीसरी बार चैंपियन बनाया.


हालांकि मौजूदा समय में धोनी का बल्ला खामोश रहा है. साल 2018 में धोनी का वनडे क्रिकेट में औसत महज 25.20 का रहा है जबकि उनके पूरे करियर के औसत पर नजर डाले तो वह 50.24 रही है.


टीम से बाहर किए जाने पर धोनी का रिएक्शन ?


टी-20 टीम से बाहर किए जाने के बाद धोनी ने चयनकर्ताओं के फैसले पर कोई सवाल नहीं उठाया. धोनी ने इस बात को माना कि टीम को अब एक योग्य विकेटकीपर बल्लेबाज की तलाश करनी चाहिए.


साल 2019 के वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए टीम इंडिया चाहती है कि मध्यक्रम को मजबूत कर लिया जाए. वर्ल्डकप से पहले भारत को ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड का दौरा करना है. इस दौरान भारत को सिर्फ आठ वनडे और छह टी-20 मैच खेलने हैं.


2019 वर्ल्डकप के अगले साल ही 2020 में टी-20 वर्ल्डकप होगा. ऐसे में टीम मैनेजमेंट का यह फैसला भविष्य की योजनाओं को ध्यान में रख कर लिया होगा. हालांकि मुख्य चयनकर्ताओं का मानना है कि धोनी वर्ल्डकप टीम की योजनाओं में शामिल हैं.


ऐसे में धोनी को अगर टीम में शामिल नहीं किया जाता है तो शायद उन्हें विदाई मैच का मौका भी ना मिले जैसे कि कई पूर्व भारतीय खिलाड़ियों के साथ हो चुका है.


कौन ले सकता है धोनी की जगह


विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर इस रेस में सबसे पहला नाम ऋषभ पंत का है. पंत ने हाल में लिमिटेड ओवर्स में अपनी बल्लेबाजी से सबको प्रभावित किया है. पंत में इतनी क्षमता है कि वह मिडिल ऑर्डर में आकर टीम के लिए तेजी से रन बटोर सके और उन्होंने यह साबित भी किया है.


पंत को इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टेस्ट टीम में भी मौका दिया गया था. इसके बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे टीम में भी पंत की डेब्यू हुई.


ऐसा नहीं है कि पंत के अलावा चयनकर्ताओं ने इस पोजिशन के लिए किसी और को नहीं आजमाया. इसमें सबसे पहला नाम दिनेश कार्तिक का आता है. हाल के कुछ दिनों में कार्तिक को लगातार भारतीय टीम मौका दिया गया लेकिन वह उन मौकों को नहीं भुना पाए.


कार्तिक और पंत के अलावा चयनकर्ताओं की नजर घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर रहे इशान किशन पर होगी.