Ishan Kishan IND vs BAN: होटल के कमरे को ईशान किशन ने बना लिया था प्रैक्टिस का हिस्सा, कोच ने खोले कई दिलचस्प राज
India vs Bangladesh: ईशान किशन के कोच उत्तम मजूमदार ने कई दिलचस्प राज खोले हैं. उन्होंने बताया कि ईशान होटल के रूम में भी प्रैक्टिस किया करते थे.
India vs Bangladesh: भारतीय टीम इस साल जून में जब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए दिल्ली पहुंची तो क्रिकेट कोच उत्तम मजूमदार का फोन बजा और उनसे आईटीसी मौर्या होटल पहुंचने का निवेदन किया गया. फोन कॉल पर दूसरी तरफ उनके चहेते शिष्य ईशान किशन थे. ग्रेटर नोएडा में अपनी क्रिकेट अकादमी चलाने वाले मजूमदार ने कहा, ‘‘ईशान चाहता था कि मैं हर दिन होटल जरूर आया करूं. जब वह मैदान में अभ्यास सत्र का हिस्सा नहीं होता था तब वह एनरिच नोर्किया और कगिसो रबाडा जैसे गेंदबाजों की शॉर्ट पिच गेंद का सामना करने की तैयारी कर रहा था. वह अपने सिर को सही स्थिति में रखना चाहता था जिससे बाउंसर गेंदों पर कोई परेशानी ना हो. ’’
अपने शिष्य की रिकॉर्ड दोहरी शतकीय पारी पर गर्व जताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ईशान का होटल कमरा अभ्यास सत्र का विस्तारित हिस्सा बन गया था. मैच से चार से पांच दिन पहले वह पुल शॉट का अभ्यास करना शुरू कर दिया करता था. इसमें उनकी कोशिश मानसिकता को मजबूत करने की थी. उस मैच में उन्होंने पारी का आगाज करते हुए 76 रन बनाए थे. ईशान का शॉर्ट गेंदों पर यह अभ्यास इस लिए भी जरूरी था क्योंकि जून में श्रीलंका के तेज गेंदबाज लाहिरू कुमार की गेंद उनके सिर (हेलमेट) पर लगी थी. इसके बाद शॉर्ट पिच गेंदों पर उनकी तकनीक को लेकर सवाल उठे लेकिन उन्होंने 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करने वाले इबादत हुसैन की गेंद पर आसानी से छक्के जड़े.
कोच ने कहा, ‘‘सात दिसंबर को मेरा जन्मदिन था और ईशान की इस पारी से ऐसा लग रहा कि मेरे अपने बच्चे ने ही मुझे जन्मदिन का तोहफा दिया है.’’ मजूमदार ने बीते दिनों को याद करते हुए बताया, ‘‘ईशान अभी 24 साल के है और उनके पिता प्रणव पांडे जब पटना स्थित बिहार क्रिकेट अकादमी में ईशान को लेकर गये थे तब उनकी उम्र महज छह साल थी. पिछले 18 साल से ईशान मेरे साथ हैं.’’
मजूमदार ने कहा, ‘‘ ज्यादा लोगो कों यह बात पता नहीं है कि जब बिहार की रणजी टीम पर प्रतिबंध लगा था तब मैं भी उनकी संभावित खिलाड़ियों की सूची में था. इस दौरान महेंद्र सिंह धोनी और मैं एक ही कमरे में रहते थे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ ईशान जब प्रशिक्षण के लिए आये थे तब उनका कद-काठी इतना छोटा था कि मुझे उन्हें हाथ नीचे करके गेंदबाजी करनी होती थी. लेकिन उसका कवर ड्राइव देकर मैंने उनके पिता को कह दिया था कि अगर उसकी किस्मत बहुत खराब हुई तभी वह भारत का प्रतिनिधित्व नहीं करेगा.’’
ईशान की दोहरी शतकीय पारी के दौरान लगाये छक्के से कोच काफी प्रभावित है. उन्होंने कहा, ‘‘आप ने उनके बल्ले से निकले 10 छक्कों को आज देखा होगा. अपको अंदाजा हो गया होगा कि छोटे कद के बाद भी वह कितने ताकत से शॉट लगाता है. वह नेट पर पांच से छह सौ गेंद का सामना करता है इसमें से 200 गेंद पर पावर हिटिंग का प्रयास करता है. ’’
मजूमदार ने बताया कि ईशान ने जब झारखंड का प्रतिनिधित्व करना शुरू किया तब धोनी ने भी उनकी प्रतिभा का लोहा माना था.
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