चेन्नई: भारत भले ही 18 टेस्ट मैचों से अजेय हो लेकिन कप्तान विराट कोहली का मानना है कि उनकी टीम ने जो लक्ष्य तय किये हैं यह उसका ‘थोड़ा’ भी नहीं है और बड़ी उपलब्धियों की अभी केवल नींव रखी गयी है.
भारत ने इस साल अपना नौवां टेस्ट मैच जीता और अपने अजेय अभियान को 18 टेस्ट मैच तक पहुंचाया. उसने इंग्लैंड को पांचवें टेस्ट मैच में पारी और 75 रन से हराकर पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में 4-0 से जीत दर्ज की. कोहली ने भारत की जीत के बाद कहा, ‘‘एक टीम के रूप में हमारे लिये 2016 बहुत अच्छा रहा. हमें केवल दो झटके लगे. पहला ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज और दूसरा विश्व टी20 टूर्नामेंट. हमने एशिया कप जीता, न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज जीती और सभी टेस्ट सीरीज में जीत दर्ज की. टीम के लिये 2016 यादगार रहा और इस पर वास्तव में मुझे गर्व है. ’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस शानदार साल और शानदार सीजन का हिस्सा होना विशेषकर उस टीम के साथ जो कि बदलाव के दौर से गुजर रही है, उस पर हम वास्तव में गर्व कर सकते हैं. ’’
कोहली ने कहा, ‘‘लेकिन अभी हमारे लिये वर्षों तक इस तरह के प्रदर्शन के लिये केवल नींव रखी गयी है. यह अभी केवल शुरूआत है. हम जो हासिल करना चाहते हैं यह उसका थोड़ा हिस्सा भी नहीं है. हम समझते हैं कि हम कहां जाना चाहते हैं और उम्मीद है कि खिलाड़ी इस तरह का प्रयास जारी रखेंगे और टीम को वहां पहुंचाएंगे जहां वह जाना चाहती है. ’’
कोहली से पूछा गया कि क्या इस टीम को ‘विराट की टीम इंडिया’ कहा जा सकता है, उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कह सकता. मैं ऐसे कैसे कह सकता हूं. ’’
इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज में टीम के प्रदर्शन के बारे में कोहली ने कहा कि उनकी टीम ने लगभग खेल के हर विभाग में अच्छा प्रदर्शन किया.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे संपूर्ण प्रदर्शन कहूंगा. तब से जबकि पहले मैच में हम दबाव में थे और उसके बाद हमने अगले चारों मैच जीते. हमने चार टॉस गंवाये जिनमें राजकोट भी शामिल था लेकिन इनमें से तीन मैचों में हमने जीत दर्ज की और यह काफी संतोष देने वाला रहा. एक कप्तान के तौर पर मुझे लगता है कि यह हमारे लिये पूर्ण सीरीज रही. हर मौके पर प्रत्येक ने योगदान दिया. विशेषकर निचले क्रम के बल्लेबाजों का योगदान इस सीरीज में मेरे लिये काफी मायने रखता है.’’
कोहली ने कहा कि क्रिकेट की गुणवत्ता, सुविधाएं और आधारभूत ढांचे में सुधार बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा, ‘‘सुविधाओं में सुधार होना चाहिए. क्रिकेटर पेशेवर बन गये हैं. उनकी मानसिकता अच्छी बन गयी है. आप देख लीजिए कि जो भी टीम में आता है उसे पता होता कि टीम में फिटनेस, प्रदर्शन और मानसिकता के लिये कुछ खास मानदंड हैं. हम चाहते हैं कि जब भी खिलाड़ी भारतीय टीम से जुड़े तो वह मैच के लिये तैयार रहे. आप केवल यह सीखने के लिये कि क्या करना है, एक साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नहीं बिता सकते हो. ऐसे में आप काफी समय गंवाते हो. ’’
कोहली ने कहा, ‘‘कई खिलाड़ी दबाव नहीं झेल सकते. लेकिन यदि आप तैयार हो, अगर आप पेशेवर हो, यदि आप कड़ी मेहनत करना जानते हो, अगर आप जानते हो कि मैच के लिये कैसे तैयार होना है तो आपके पास अच्छा प्रदर्शन करने के मौके रहेंगे. ’’
उन्होंने कहा, ‘‘इससे पता चलता है कि अगली पीढ़ी अन्य को देखकर स्मार्ट होती जाएगी. उन्हें पता होगा कि भारतीय टीम में आने पर उन्हें क्या करना है. यह विकास क्रम है. इन युवा खिलाड़ियों को देखकर कई बार हैरानी होती है कि वे कितनी जल्दी सबक हासिल कर रहे हैं. वे बेहद स्मार्ट हैं और मैदान पर उनके खेल से इसका पता चलता है. ’’
कोहली ने यह मानने से इन्कार कर दिया कि अन्य गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन के साये में खेल रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘एक टीम के रूप में हम इन चीजों पर विश्वास नहीं करते कि हर कोई अश्विन के साये में खेल रहा है. जो भी गेंदबाजी करता है वह भारत के लिये विकेट लेना चाहता है. इस तरह की तुलना और परिस्थितियां बाहर के लोग पैदा करते हैं. हम इन चीजों पर ध्यान नहीं देते. रविंद्र जडेजा को अपने प्रदर्शन पर गर्व होगा एक गेंदबाज के रूप में वह जितने विकेट ले सकता है उसने उतने लिये. ’’
कोहली ने कहा, ‘‘लेकिन अगर आप गौर करो तो अश्विन जब विकेट लेता है तो दूसरे छोर से इकोनोमी रेट दो से अधिक नहीं होता है. अश्विन आप से स्वयं कहेगा कि उनकी सफलताओं में जडेजा की भूमिका अहम होती है क्योंकि दूसरे छोर से वह अंकुश लगाये रहता है. उन्होंने पूरे सत्र में जोड़ी के रूप में बहुत अच्छी गेंदबाजी की. ’’