चेन्नई: एलिस्टेयर कुक ने कहा कि वह भारत के खिलाफ सीरीज में शिकस्त को देखते हुए अपनी टेस्ट कप्तानी को खेलकर कोई बेवकूफाना फैसला नहीं करेंगे लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें यह सोचने की जरूरत है कि क्या वह कप्तान की भूमिका में सही व्यक्ति हैं.



 



इंग्लैंड को भारत के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज में 0-4 से शिकस्त का सामना करना पड़ा जिसके अंतिम टेस्ट में आज भारत ने पारी और 75 रन से जीत दर्ज की.



 



कुक ने कहा, ‘‘मुझे कुछ सोच विचार करना होगा. यह इतना बड़ा फैसला करने का सही समय नहीं है. मुझे पहले स्वदेश लौटने की जरूरत है, मैं क्रिसमस का जितना अधिक संभव हो लुत्फ उठाउंगा और फिर जनवरी में वापसी करूंगा और स्ट्रॉस के साथ योजनाएं देखूंगा और इस पर गौर करूंगा कि इंग्लैंड क्रिकेट के लिए क्या सही फैसला है.’’ 



 



उन्होंने कहा, ‘‘मुझे फैसला करना होगा कि इंग्लैंड क्रिकेट को आगे ले जाने के लिए मैं सही व्यक्ति हूं या नहीं. यह ये फैसले करने का सही समय नहीं है क्योंकि उर्जा कम है और आप बेवकूफाना फैसले कर सकते हो.’’ कुक ने कहा कि वह समझदारी भरा फैसला करना चाहते हैं और उनके पास ऐसा करने के लिए समय भी है.



 



उन्होंने कहा, ‘‘जब सात महीने तक कोई टेस्ट मैच नहीं है तब मैं काफी बेवकूफ लगूंगा अगर अभी यहां खड़ा होकर कोई फैसला करूंगा जिस पर बाद में मलाल को या नहीं. अगर तीन हफ्ते के भीतर टेस्ट मैच होता तो आपको सोचना पड़ता. लेकिन अगर समय उपलब्ध है तो इसका इस्तेमाल क्यों नहीं किया जाए.’’



 



भारत दौरे पर मिली हार पर कुक ने कहा, ‘‘यह काफी कड़ा दौरा था. जब आप मैच हारते हो तो यह काफी मुश्किल हो जाता है और काफी अकेलापन लगता है. आपको भारत को श्रेय देना होगा. उन्होंने सीरीज में कुछ अच्छा क्रिकेट खेला. हमें पता था कि आज दबाव होगा और कभी ना कभी हम समूह में विकेट गंवाएंगे. हमें इतने अच्छे या खिलाड़ी के रूप में कुशल नहीं थे कि इस लय को रोक सके. इसलिए हां, यह काफी कड़ा था. ’’ 



 



कुक ने स्वीकार किया कि भारत की टीम कहीं बेहतर थी लेकिन इंग्लैंड के प्रयास में कोई कमी नहीं थी और उनके स्पिनर भारतीय स्पिनरों रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा जितने अच्छे नहीं थे.



 



उन्होंने कहा, ‘‘जब दर्शकों और अन्य चीजों से टीम को इस तरह की लय मिलती है तो उसे रोकना बेहद मुश्किल होता है. आपको इस दबाव से निपटते हुए बहुत अच्छा खेलना होता है. हम इससे निपटने में सक्षम नहीं थे. मैं लड़कों के लिए मायूस हूं, ड्रॉ कराना शानदार होता लेकिन हम काफी अच्छे नहीं थे.’’ कुक ने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप में बेहतर नतीजों के लिए उन्हें बेहतर स्पिनरों की जरूरत है.



 



उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि सभी दे सकते हैं कि हम तेज गेंदबाजी के अनूकूल हालात में खेलने के आदी हैं. इन हालात में काफी कड़ी परीक्षा हुई और मैं मो (मोईन अली) और आदिल (राशिद) का अपमान नहीं करना चाहता लेकिन वे अश्विन या जडेजा जितने अच्छे नहीं हैं. उनके अंतर नियंत्रण और निरंतरता नहीं है, विशेषकर पहली पारी में जब काफी मदद नहीं मिलती.’’ 



 



कुक ने स्वीकार किया कि उन्हें भारत के बायें हाथ के स्पिनर जडेजा का सामना करने में परेशानी हुई. उन्होंने साथ ही कहा कि वर्ष 2016 इंग्लैंड के लिए हताशा भरा रहा.