जेनिंग्स ने स्वीकार किया, दबाव में है इंग्लैंड पर वापसी की उम्मीद
जेनिंग्स ने स्वीकार किया, दबाव में है इंग्लैंड पर वापसी की उम्मीद
मुंबई: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू का इंतजार कर रहे सलामी बल्लेबाज कीटोन जेनिंग्स ने स्वीकार किया कि भारत के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज में 0-2 से पिछड़ने के बाद इंग्लैंड दबाव में है. लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी टीम गुरूवार से शुरू हो रहे चौथे टेस्ट में वापसी करेगी.
जेनिंग्स ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘दबाव है लेकिन मुझे हमेशा से सिखाया गया कि दबाव विशेष होता है, मेरे पिता ने बचपन ने मेरे अंदर यह डालने का प्रयास किया. मैं यह सोचना पसंद करता हूं कि मैं टीम में सकारात्मक उर्जा और खुशी लाया हूं. आम तौर पर मैं खुश रहने वाला व्यक्ति हूं. लेकिन हम 0-2 से पीछे हैं और मुश्किल स्थिति में है. उम्मीद करता हूं कि हम वापसी करने में सफल रहेंगे.’’
जाने माने कोच रे जेनिंग्स के बेटे जेनिंग्स का जन्म साउथ अफ्रीका में हुआ और इंग्लैंड में चार साल रहने के बाद वह देश के लिए खेलने के काबिल बने. उन्होंने टीम में युवा सलामी बल्लेबाज हसीब हमीद की जगह ली है जो अंगुली में फ्रैक्चर के कारण सीरीज से बाहर हो गए हैं.
इंग्लैंड ने विशाखापत्तनम में दूसरा और मोहाली में तीसरा टेस्ट गंवाने के बाद सीरीज में 0-2 से पीछे चल रहा है. राजकोट में पहला टेस्ट ड्रॉ रहा था.
यह पूछने पर कि वह भारत के स्पिन आक्रमण से कैसे निपटेंगे, जेनिंग्स ने कहा कि अगर वह भारतीय स्पिनरों पर हावी होने में सफल रहे तो यह उनके लिए शानदार अनुभव होगा. बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘‘मैं यह आप पर छोड़ता हूं कि कुछ दिन के खेल के बाद इसका जवाब दें. मैदान पर उतरकर खुद को चुनौती देने के लिए इससे बेहतर जगह नहीं है. अगर मैं खेल पाया और कुछ सफलता हासिल कर पाया तो यह शानदार होगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं नहीं खेला तो ड्रिंक्स लेकर जाऊंगा. लेकिन मैं किसी तरह जुड़ने को लेकर उत्सुक हूं.’’ रे जेनिंग्स इंडियन प्रीमियर लीग में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर को कोचिंग दे चुके हैं और उन्हें भारतीय हालात का अच्छा अनुभव है तथा उन्होंने अपने बेटे को टिप्स भी दिए हैं.
जेनिंग्स ने कहा, ‘‘अपने पिता के साथ मेरे संबंध काफी अच्छे हैं, खेलने के नजरिये से, मेरे पिता ने प्रक्रिया और भारत की संस्कृति का लुत्फ उठाने को कहा है. मुझे काफी पानी पीने और यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि बोतल बंद हो.’’
इस सलामी बल्लेबाज ने यहां वानखेड़े स्टेडियम में टीम के अभ्यास शिविर के बाद कहा, ‘‘पिछली बार मैं 2009-10 में अपने पिता के साथ आईपीएल के लिए आया था, पर्यटक के रूप में, काफी लुत्फ उठाया और मैं उस स्थान पर वापस आ रहा हूं जिसे मैं पसंद करता हूं.’’