जॉन होलैंड की खतरनाक गेंदबाज़ी की मदद से ऑस्ट्रेलिया ए ने भारत ए को अन-ऑफिशियल पहले टेस्ट मैच में 98 रनों से करारी शिकस्त दे दी. बेंगलुरू में खेले जा रहे इस चार दिवसीय टेस्ट मैच में चौथे दिन भारत के सामने 262 रनों का लक्ष्य था लेकिन पूरी टीम महज़ 163 रनों पर ढेर हो गई.


एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में चौथे दिन बल्लेबाज़ी के लिए उतरी इंडिया ए की टीम ने 63/2 आगे खेलना शुरु किया. उसे जीत के लिए महज़ 199 रनों की दरकार थी. जबकि उसके आठ खिलाड़ी बाकी थे. लेकिन आज इंडिया ए की टीम लेफ्ट आर्म स्पिनर जॉन हौलेंड के आगे पूरी तरह से पस्त हो गई.


कल के स्कोर से आगे टीम को लेकर चले मयंक अग्रवाल और अंकित बवाने ने टीम को 100 रनों के पार पहुंचाया. दोनों बल्लेबाज़ संभलकर बल्लेबाज़ी कर रहे थे. लेकिन तभी होलैंड ने बवाने को बोल्ड कर मैच का रूख पलटने की कोशिश की.


106 रनों पर तीसरा विकेट गंवाने के बाद मयंक अग्रवाल को दूसरा छोर से कोई भी खिलाड़ी साथ नहीं दे सका और एक के बाद एक बाकी बचे सातों विकेट 163 रनों तक आते-आते ढेर हो गए. अंत में मयंक अग्रवाल ने भी हिम्मत छोड़ दी और 163 रन के स्कोर पर वो भी 80 रनों की पारी खेल आउट होकर लौट गए.


मयंक ने अपनी पारी में 9 चौके और 1 छक्का लगाया.


ऑस्ट्रेलिया ए के लिए हौलेंड की गेंदों के आगे भारतीय बल्लेबाज़ पूरी तरह से बेबस नज़र आए. हौलेंड ने अपने 24.3 ओवर के स्पेल में 81 रन देकर 6 विकेट चटकाए.


इससे पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया ए ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फैसला किया और 243 रन बनाए. इसके जवाब में भारत ने अंकित बावने के 91 रनों की मदद से 274 रन बनाकर 31 रनों की बढ़त हासिल की थी.


लेकिन दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने ट्रेविस हेड और निचले क्रम की पारियों की मदद से 292 रन बनाए और इंडिया ए के सामने 262 रनों का लक्ष्य रखा था, जिसे हासिल करने में मेज़बान टीम नाकामयाब रही.


इस हार से निराश टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने कहा, 'पारी की शुरुआत करने के लिए ये आसान विकेट नहीं था. आपको संयम से काम लेने की ज़रूरत थी क्योंकि इस पिच पर रन बनाना आसान नहीं था. कुछ बल्लेबाज़ों ने संयम के साथ अच्छा खेल दिखाया लेकिन बाकी सभी नहीं कर सके. हमारे खिलाड़ियों के लिए ये सीखने का अच्छा मौका है.'