ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम को पिछले 2 सालों में बुरी स्थिति से उबारकर फिर मजबूत टीम बनाने वाले कोच और पूर्व क्रिकेटर जस्टिन लेंगर को भी अपने करियर में ऐसे हालात का सामना करना पड़ा था. ऑस्ट्रेलिया के सबसे शानदार ओपनरों में से एक रहे लेंगर को ऐसे दौर से भी गुजरना पड़ा था जब वो करियर के बीच में ही संन्यास लेने वाले थे, लेकिन कप्तान के एक कॉल ने उनका करियर बदल दिया.
ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफल टेस्ट क्रिकेटरों में से एक जस्टिन लेंगर ने बताया है कि अगर स्टीव वॉ का उन्हें फोन नहीं आता तो वो 2001 में ही क्रिकेट से संन्यास ले चुके होते. लेंगर ने ऑस्ट्रेलियाई न्यूज चैनल ABC के शो के दौरान ये खुलासा किया.
करीब 14 साल के अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 105 टेस्ट मैच खेलने वाले लेंगर ने बताया कि 2001 में इंग्लैंड दौरे पर एशेज सीरीज के बीच में ही वो क्रिकेट से संन्यास लेने की सोच रहे थे क्योंकि वो लगातार नाकाम हो रहे थे.
लेंगर ने कहा, “मैं बिल्कुल भी रन नहीं बना रहा था, मुझे लगा मैं फेल हो गया हूं और फिर ऑस्ट्रेलिया के लिए दोबारा नहीं खेल पाउंगा. जब मुझे लगा था कि मैं सीरीज में खेलूंगा तो मुझे शुरू में ही ड्रॉप कर दिया गया.”
इंग्लैंड दौरे पर लेंगर लगातार नाकाम हो रहे थे और अभ्यास मैचों में प्रभावित नहीं कर सके थे. हालांकि सीरीज के आखिरी मैच, ओवल टेस्ट, में उनकी वापसी हुई थी और उसके बाद अपने संन्यास तक वो टीम का अटूट हिस्सा रहे.
स्टीव वॉ के फोन ने बदल दी जिंदगी
ओवल टेस्ट से पहले की घटना को याद करते हुए मौजूदा ऑस्ट्रेलियाई कोच लेंगर ने बताया, “जब मैंने हेडन के साथ पहली बार ओपनिंग की थी, उससे एक हफ्ते पहले मैंने अपने परिवार को बताया था कि मैं प्लेन में बैठकर घर वापस लौट रहा हूं.”
लेकिन मैच से एक दिन पहले कप्तान स्टीव वॉ के एक कॉल ने उनके करियर को पूरी तरह बदल दिया. उस फोन कॉल का जिक्र करते हुए लेंगर ने कहा, “मेरी पत्नी आ चुकी थी क्योंकि मैं संन्यास लेने वाला था. मैं बुरी तरह टूट चुका था और फिर अचानक स्टीव वॉ ने मुझे फोन किया और कहा ‘कल तुम ओपनिंग करोगे’.”
ओवल में हुए उस टेस्ट में लेंगर पहली बार मैथ्यू हेडन के साथ ओपनिंग के लिए उतरे और शानदार शतक जड़ते हुए 102 रन बनाए. इसके बाद से हेडन और लेंगर की जोड़ी ऑस्ट्रेलियाई टीम के शानदार इतिहास का अहम हिस्सा बनी.
लेंगर ने अपने करियर में 115 पारियों में ओपनिंग की और लगभग 49 की औसत से 5,112 रन बनाए, जिसमें 16 शतक शामिल थे. 1993 में ऑस्ट्रेलिया के लिए टेस्ट डेब्यू करने वाले लेंगर ने 2007 में अपना आखिरी टेस्ट खेलने के साथ ही संन्यास लिया. अपने 105 टेस्ट में लेंगर ने 23 शतकों के साथ साढ़े सात हजार से ज्यादा रन बनाए.
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