दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ ने पूर्व क्रिकेटर केपी भास्कर को दिल्ली की सीनियर मेंस टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया है. केपी भास्कर के अलावा भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली के बचपन के कोच राजकुमार शर्मा को बॉलिंग कोच बनाया गया है.


डीडीसीए ने अपने आधिकारिक ट्विटर पर लिखा, "हमें इसकी घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि केपी भास्कर को सीनियर मेंस टीम के मुख्य कोच और राजकुमार शर्मा को गेंदबाजी कोच नियुक्त किया गया है."


 


भास्कर 2017-18 सत्र में दिल्ली के कोच थे और तब टीम को इंदौर में हुए रणजी ट्रॉफी फाइनल में विदर्भ के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था.


ओड़िशा में घरेलू टूर्नामेंट के दौरान हालांकि गौतम गंभीर के साथ सार्वजनिक बहस के बाद उन्हें कोच पद से हाथ धोना पड़ा था. भारत के पूर्व ओपनर बल्लेबाज ने भास्कर पर ड्रेसिंग रूप में गुटबाजी को बढ़ावा देने और कुछ युवा खिलाड़ियों का करियर खत्म करने का प्रयास करने का आरोप लगाया था.


मिथुन मन्हास ने 2018-19 सत्र में भास्कर की जगह ली थी लेकिन इस दौरान टीम काफी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई.


भास्कर दिल्ली के पूर्व रणजी खिलाड़ी भी रहे हैं और उन्होंने 95 प्रथम श्रेणी मैचों में 18 शतक की मदद से 5443 रन बनाए. वह 1988-89 सत्र में रणजी खिताब जीतने वाली दिल्ली की टीम के सदस्य रहे और इसके अगले साल बंगाल के खिलाफ फाइनल भी खेले.


द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता राजकुमार शर्मा को भारतीय कप्तान विराट कोहली के पहले और एकमात्र निजी कोच के रूप में जाना जाता है. वह 1986 से 1991 के बीच दिल्ली की ओर से नौ प्रथम श्रेणी और तीन लिस्ट ए मैच खेले.


उनके मार्गदर्शन में 2017-18 में दिल्ली की टीम ने सीके नायुडू (अंडर 23) टूर्नामेंट का खिताब जीता और हितेन दलाल जैसे उनके खिलाड़ियों ने सीनियर टीम में जगह बनाई.


पिछले साल सीनियर टीम के साथ मौका नहीं मिलने पर वह आईसीसी क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के लिए माल्टा की राष्ट्रीय टीम के साथ जुड़े रहे.