Kapil Dev's Best ODI Knock: बात 39 साल पुरानी है. इंग्लैंड में 1983 का क्रिकेट वर्ल्ड कप (World Cup 1983) खेला जा रहा था. यह वनडे क्रिकेट का तीसरा वर्ल्ड कप ही था. ग्रुप स्टेज के मैच चल रहे थे और भारत और जिम्बाब्वे (IND vs ZIM) आमने-सामने थे. वो दौर ऐसा था जब जिम्बाब्वे की टीम मजबूत हुआ करती थी. इस मैच में ही भारतीय टीम के कप्तान कपिल देव (Kapil Dev) ने 175 रन की ऐतिहासिक पारी खेली थी. यह वह पारी है, जिसके चर्चे आज तक याद किये जाते हैं.


दरअसल, यह उस वक्त तक वनडे क्रिकेट की सर्वश्रेष्ठ पारी थी. बाद में भी लंबे वक्त तक यह वनडे क्रिकेट की सबसे बड़ी पारी बनी रही थी. खास बात यह भी कि जिन परिस्थितियों में यह पारी निकली थी, उसने इस पारी को यादगार बना दिया था. आज हम 39 साल पहले खेली गई इस पारी के उन खास लम्हों में आपको दोबारा लिये चलते हैं..


वर्ल्ड कप के पहले मैच में विंडीज को हराकर की थी जोरदार शुरुआत
वर्ल्ड कप 1983 में भारतीय टीम बेहद मजबूत थी. खिताब के दावेदारों में उसकी गिनती हो रही थी. अपने पहले ही मुकाबले में वेस्टइंडीज जैसी दिग्गज टीम को हराने के बाद भारत की दावेदारी और मजबूत हो गई थी. भारत अपने ग्रुप स्टेज के 3 में से 2 मैच जीत चुका था. ऐसे में अपने ग्रुप स्टेज के चौथे मुकाबले में जब उसकी भिड़ंत जिम्बाब्वे से होनी थी तो भारत के लिये जीत ज्यादा मुश्किल नजर नहीं आ रही थी. भारतीय कप्तान कपिल देव ने टॉस जीतकर जब पहले बल्लेबाजी चुनी तो लग रहा था कि भारत एक बड़ी जीत दर्ज करेगा.


17 रन पर पवेलियन लौट गई थी आधी भारतीय टीम
भारत के लिये मैच की शुरुआत खराब रही. सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर और कृष्णमचारी श्रीकांत बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए. उनके बाद मोहिंदर अमरनाथ (5), संदीप पाटिल (1) और यशपाल शर्मा (9) भी दहाई का आंकड़ा नहीं छू सके. इस तरह 17 रन तक आते-आते ही भारतीय टीम अपने टॉप और मिडिल ऑर्डर के 5 बड़े बल्लेबाजों को खो चुकी थी. जिम्मबाब्वे के केविन कुरान और पीटर रॉसन ने भारतीय बल्लेबाजी की पूरी तरह से हवा निकाल दी थी. इस वक्त तक ऐसा लग रहा था कि भारतीय टीम 50 रन तक भी नहीं पहुंच पाएगी.


कपिल देव ने अकेले दम पर भारत को 250 पार पहुंचाया
यहां से कपिल देव ने एक छोर संभाला. वह विकटों की इस पतझड़ के बीच भी दबाव में नहीं आए और आते ही ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करना शुरू कर दी. उनके एटिट्यूड ने रोजर बिन्नी को भी प्रोत्साहित किया और वे अपने कप्तान का बखूबी साथ देने लगे. बिन्नी सिंगल रन लेकर कपिल को स्ट्राइक देते रहे. जब बिन्नी 48 गेंद पर 22 रन बनाकर आउट हुए तो उनके बाद मदन लाल (17) और सैयद किरमानी (24) ने कपिल को ज्यादातर गेंदे खेलने के मौके उपलब्ध कराए. इस तरह एक छोर से कपिल देव की धमाकेदार बल्लेबाजी जारी रही और उन्होंने 138 गेंद पर नाबाद 175 रन जड़ डाले. इस पारी में कपिल ने 16 चौके और 6 छक्के जड़े. कपिल की पारी की बदौलत भारतीय टीम ने निर्धारित 60 ओवर में 8 विकेट खोकर 266 रन बनाए.


31 रन से विजय रहा था भारत
कपिल देव की इस बेजोड़ पारी के बाद जिम्बाब्वे की टीम ने 267 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए अच्छी शुरुआत की. जिम्बाब्वे की सलामी जोड़ी ने 44 रन की साझेदारी की. लेकिन यहां से जो विकटों का पतझड़ शुरु हुआ तो वह आखिरी तक चलता रहा. जिम्बाब्वे ने नियमित अंतराल पर अपने विकेट खोए. हालांकि केविन कुरान के 73 रन की पारी ने जिम्बाब्वे को जीत की उम्मीद दी थी लेकिन उनके आउट होते ही जिम्बाब्वे की टीम 235 रन पर सिमट गई. इस तरह भारत ने यह मैच 31 रन से जीत लिया.


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