बीसीसीआई की शिकायत का आधार कश्मीर पर सालों से चले आ रहे विवाद के इर्द गिर्द घूमता है. साथ ही बोर्ड का कहना है कि, क्या ऐसे विवादास्पद स्थानों पर क्रिकेट मैच खेलें जा सकते हैं जो कि भारत और पाकिस्तान के बीच सदियों पुराने विवाद का केंद्र है.
लीग में हिस्सा लेने वाले अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को माना जाएगा बागी
हालांकि बीसीसीआई का एतराज इसमें पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के खेलने को लेकर ज्यादा है. बोर्ड का मानना है कि इस से इस टूर्नामेंट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल सकती है. मोंटी पनेसर, मैट प्रायर, हर्शेल गिब्स और तिलकरत्ने दिलशान समेत कई पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी इस लीग में शामिल हैं.
बीसीसीआई इन सभी खिलाड़ियों के बोर्ड से बात करके ये स्पष्ट कर चुका है कि, यदि ये केपीएल में हिस्सा लेते हैं तो इन सभी को बागी माना जाएगा और इनके साथ वहीं व्यवहार किया जाएगा जो दुनिया की अन्य गैर मान्यता प्राप्त लीग में खेलने वाले खिलाड़ियों के साथ होता है.
आईसीसी की स्थिति स्पष्ट नहीं
हालांकि इस मुद्दे पर आईसीसी की ओर से क्या प्रतिक्रिया आती है इस बात को लेकर अब तक कुछ भी स्पष्ट नहीं है. इस तरह की घरेलू लीग के लिए आईसीसी का वहीं पूर्ण सदस्य देश अनुमति देता है जहां ये लीग खेली जानी है. केपीएल के मामले में इसे पीसीबी की अनुमति प्राप्त है. साथ ही विवादास्पद क्षेत्रों में क्रिकेट मैच के आयोजन को लेकर भी आईसीसी के नियमों में कोई उल्लेख नहीं किया गया है.
बता दें कि, पाकिस्तान पूर्व कप्तान और लीग के उपाध्यक्ष वसीम अकरम ने कहा है कि कश्मीर प्रीमियर लीग को पाकिस्तानी सेना का भी समर्थन है.
शाहिद अफरीदी हैं केपीएल के ब्रांड एम्बैस्डर
बता दें कि, पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी कश्मीर प्रीमियर लीग के ब्रांड एम्बैस्डर हैं. वही शाहिद अफरीदी जो कई बार कश्मीर पर बयानबाजी कर चुके हैं. इंजमाम उल हक, शोएब मलिक और अब्दुल रज्जाक भी इस लीग का हिस्सा हैं.
केपीएल में कुल 6 टीमें होंगी, हर टीम में 5 पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के खिलाड़ी होंगे. PCB ने कहा है कि कश्मीर प्रीमियर लीग का प्रसारण दुनियाभर में होगा. 6 से 17 अगस्त के बीच ये कश्मीर प्रीमियर लीग खेली जाएगी. मुजफ्फराबाद के नए स्टेडियम में कश्मीर प्रीमियर लीग के मैच खेले जाएंगे.