पहले खेली सबसे बड़ी पारी और अगले मैच से बाहर, लगा देश को धोखा देने का आरोप; जानें केविन पीटरसन का असली सच
Kevin Pietersen Retirement: केविन पीटरसन के रिटायरमेंट के पीछे गहरा रहस्य छुपा हुआ है. लगातार विवादों में घिरे रहने की वजह से उन्होंने संन्यास का एलान किया था.
Kevin Pietersen ECB Controversy Led to Retirement: केविन पीटरसन इंग्लैंड क्रिकेट के इतिहास में सबसे विवादित खिलाड़ियों में से एक हैं. इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB) के साथ बिगड़ते संबंधों के कारण उन्हें अपने प्राइम करियर में संन्यास लेना पड़ गया था. साल 2012 ने उनके करियर के समाप्त होने में बहुत बड़ा रोल निभाया क्योंकि उनपर विपक्षी टीम की सहायता करने के आरोप तक लगाए गए थे. तो चलिए जानते हैं कि आखिर केविन पीटरसन को अपने प्राइम करियर में रिटायरमेंट क्यों लेनी पड़ी?
विपक्षी टीम की मदद का आरोप
दरअसल साल 2012 में दक्षिण अफ्रीकी टीम इंग्लैंड का दौरा कर रही थी और उनके बीच तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेली गई थी. पीटरसन पर आरोप थे कि उन्होंने टेक्स्ट मैसेज करके दक्षिण अफ्रीकी टीम को बताया था कि एंड्रयू स्ट्रॉस को कैसे आउट किया जा सकता है. इन आरोपों को पीटरसन ने एक इंटरव्यू के दौरान स्वीकार भी किया और उन्होंने इंग्लैंड के तत्कालीन कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस से माफी भी मांगी थी.
पीटरसन के मैसेज का स्ट्रॉस कि फॉर्म पर काफी असर पड़ा क्योंकि स्ट्रॉस दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज की 6 पारियों में सिर्फ 17.83 के औसत से 107 रन बना पाए थे. उनकी यह फॉर्म में गिरावट चौंकाने वाली थी क्योंकि इससे एक महीने पहले ही 3 मैचों की पांच पारियों में 2 शतकीय पारी समेत 326 रन बनाए थे.
पीटरसन को कर दिया ड्रॉप
उस समय दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में पीटरसन ने 149 रन की बेहतरीन पारी खेली थी. पीटरसन इतनी जबरदस्त फॉर्म में थे कि उन्होंने डेल स्टेन और मोर्ने मोर्केल की भी जमकर धुनाई की थी. इसके बावजूद उन्हें अगले मैच से ड्रॉप कर दिया गया और उनके ECB के साथ संबंध खराब हालत में जाने लगे थे.
पीटरसन उसके बाद कुछ सीरीज और खेले और आखिरकार उन्होंने 2014 में अपना आखिरी टेस्ट मैच खेलने के बाद रिटायरमेंट की पुष्टि कर दी. उन्होंने इंग्लैंड के लिए 104 टेस्ट मैच खेले, जिनमें उन्होंने 23 शतकों समेत 8,181 रन बनाए. दूसरी ओर उन्होंने 136 वनडे मैचों में 4,440 रन. पीटरसन के अंदर कभी प्रतिभा की कमी नहीं रही क्योंकि टेस्ट में सफलता के बाद उन्होंने खुद को टी20 क्रिकेट में भी बखूबी ढाला. 37 टी20 मैचों में उनके नाम करीब 38 के औसत से 1,176 रन हैं.
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