इंग्लैंड के पुर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज केविन पीटरसन को बीसीसीआई के वार्षिक समारोह- एमके पटौदी मेमोरियल लेकचर के लिए चुना गया है लेकिन उनके चयन से भारतीय क्रिकेट बोर्ड के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी खासे नाराज हैं. यह समारोह अफगानिस्तान के खिलाफ एकमात्र टेस्ट से पहले 12 जून को आयोजित होगा.


चौधरी ने इससे पहले इस लेक्चर के लिए चुने गये कुमार संगकारा , नासिर हुसैन , सौरव गांगुली और केविन पीटरसन के नामों पर भी कड़ी आपत्ति व्यक्त की थी. वह पुराने जमाने के भारतीय दिग्गजों को नजरअंदाज करने के लिए बीसीसीआई जेनरल मैनेजर (क्रिकेट ऑपरेशन) सबा करीम से नाराज थे.


चौधरी ने ईरापल्ली प्रसन्ना, अब्बास अली बेग, नारी कांट्रैक्टर के नाम सुझाये थे जो टाइगर के साथ खेले थे.


कार्यवाहक सचिव ने एक ईमेल में पूर्व भारतीय विकेटकीपर करीम पर ताना कसा है. इससे पहले करीम ने घोषणा की थी कि उन्हें ‘‘यह घोषणा करते हुए खुशी है कि केविन पीटरसन एमएके पटौदी मेमोरियर लेक्चर देने पर सहमत हो गए हैं.’’


चौधरी ने पीटरसन के संदर्भ में लिखा है , ‘‘जीएम ( क्रिकेट ऑपरेशन) की खुशी को देखकर मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया कि यह एमएके पटौदी मेमोरियल लेक्चर है या सर लेन हटन या इस संदर्भ में सर फ्रैंक वूली मेमोरियल लेक्चर है.’’


झारखंड के इस पूर्व पुलिस अधिकारी ने नाराजगी जतायी है कि करीम ने उनके सुझावों पर गौर नहीं किया और इस पर उनसे संपर्क भी नहीं किया.


उन्होंने करीम से पांच सवाल पूछे हैं -
1- बेंगलुरू में आठ मई को इस विषय पर बिना किसी चर्चा के चार नामों की सूची कैसे सामने आ गयी ?
2- सूची में 75 प्रतिशत नाम विदेशी खिलाड़ियों के क्यों हैं ?
3- लेक्चर देने के लिए (पीटरसन के चयन की) प्रांसगिकता के बारे में विस्तार से नहीं बताया गया ?
4- जब सीओए विनोद राय ने कहा था कि वह अन्य नामों पर विचार करने के लिये तैयार हैं तब संगकारा की अनुपलब्धता के बारे में क्यों नहीं बताया गया ?
5- किस अधिकार के आधार पर पीटरसन का नाम तय किया गया जबकि ऐसा करने के लिए अनुमति नहीं ली गयी ?


कार्यवाहक सचिव ने करीम पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने सीओए को उनके सुझाव नहीं बताये और वह एकतरफा फैसले कर रहे हैं.