37 साल पहले आज ही के दिन टीम इंडिया ने इतिहास रचते हुए कपिल देव की अगुवाई में पहली बार वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था. दो बार की विश्व विजेता वेस्टइंडीज को मात देने वाले भारतीय खिलाड़ी अपनी जीत पर विश्वास नहीं कर पा रहे थे. वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य रहे कीर्ति आजाद ने उस पल को बयां किया है जिससे पूरा मैच बदल गया था.


कीर्ति आजाद ने कहा, "मैं उस समय को कैसे बताऊं. आप उस भावना को कैसे बयान कर सकते हो कि आप विश्व विजेता बन गए हो, वो भी लॉडर्स पर हजारों दर्शकों के सामने. हम ड्रैसिंग रूम से दर्शकों की तरफ सिर्फ हाथ हिला रहे थे."


उन्होंने कहा, "मैं सिर्फ अपने सीट पर बैठा था और अपने आप को नौंच रहा था कि कहीं मैं सपना तो नहीं देख रहा या यह हकीकत है. इसके बाद मैंने जश्न में हिस्सा लिया और वहां से देखा." आजाद के मुताबिक ट्रॉफी उठाना भारतीय क्रिकेट में बदलाव का पल साबित हुआ.



कीर्ति आजाद ने कपिल देव द्वारा पकड़े गए रिचडर्स के कैच को मैच का निर्णायक पल करार दिया. उन्होंने कहा, "एक चीज जो कपिल ने की थी. उन्होंने कहा था कि चलो अपनी सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेलते हैं. जीत या हार के बारे में नहीं सोचते हैं. अगर हम अच्छा खेले तो लोगों का पैसा वसूल हो जाएगा."


आजाद ने साथ ही याद किया कि 183 रनों का छोटा स्कोर बनाने के बाद ड्रेसिंग रूम में लोगों का मूड़ कैसा था. उन्होंने कहा, "हम सभी जानते थे कि विंडीज की टीम को देखते हुए वो स्कोर काफी नहीं है. कपिल ने कहा कि चलो लड़ते हैं. यह लड़ने लायक टोटल है. हमने रन बनाए हैं और उन्हें बनाने हैं. इसलिए लड़ते हैं."


कीर्ति आजाद ने कहा, "इस तरह यह हुआ. और इसके बाद कपिल द्वारा पकड़ा गया विवियन रिचडर्स का कैच, उसने मैच को बदल दिया था. वहां से विकेट गिरते रहे और हम बल्लेबाजों पर दबाव बनाते रहे. हमें पता था कि अगर हम विंडीज के बल्लेबाजों पर दबाव बनाएंगे तो वह दब जाएंगे."


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