कोलकाता: सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल का मानना है कि अगर छह ओवर और होते तो भारत श्रीलंका के खिलाफ आज पांचवें और अंतिम दिन यहां ड्रा हुआ पहला टेस्ट जीत सकता था.
तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार (आठ रन पर चार विकेट) की अगुआई में तेज गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन से भारत ने 231 रन का लक्ष्य का पीछा करते हुए 26.3 ओवर में खराब रोशनी के कारण खेल रोके जाने तक श्रीलंका का स्कोर 75 रन पर सात विकेट कर दिया था.
राहुल ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘आपको इस तरह के मैचों की उम्मीद करनी चाहिए. अगर हमारे पास पांच या छह ओवर और होते तो हम जीत दर्ज कर सकते थे. यह हम सभी के लिए अच्छा अनुभव रहा. मुझे नहीं लगता कि मैं कभी इस तरह के मैच में खेला हूं- बारिश के खलल के कारण मैच छोटा हुआ लेकिन कांटे की टक्कर देखने को मिली. यह रोमांचक था.’’ राहुल को मलाल है कि पहले टेस्ट के लिए जिस तरह की विकेट बनाई गई उस पर खराब मौसम के कारण पांच दिन पूरा खेल नहीं हो पाया.
नौ घंटे से अधिक का खेल बारिश की भेंट चढ़ा. राहुल ने मैच के बाद कहा, ‘‘यह रोमांचक मैच था. इस तरह के विकेट पर अगर पूरे पांच दिन क्रिकेट होता तो यह शानदार होता.’’ भुवनेश्वर की कातिलाना गेंदबाजी ने अंतिम सत्र में भारत को जीत के करीब पहुंचा दिया था लेकिन खराब रोशनी के कारण खेल जल्दी समाप्त करना पड़ा.
पहली पारी में भारत के 172 रन पर सिमटने के संदर्भ में राहुल ने कहा, ‘‘सभी दिन तेज गेंदबाजों को विकेट से मदद मिली. कल दिन का खेल खत्म होने के दौरान दरारें थोड़ी अधिक बड़ी हो गई इसलिए अधिक सीम मूवमेंट मिल रही थी. नमी के कारण पहले दो दिन काफी स्विंग मिल रही थी.’’ राहुल ने कहा कि अगर इस तरह के विकेट पर श्रीलंका पहले बल्लेबाजी करता तो हालात पूरी तरह अलग होते.
उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे पहले बल्लेबाजी करते तो स्थिति पूरी तरह अलग होती लेकिन यह ऐसे ही चलता है. हमने पहले बल्लेबाजी करने की चुनौती का लुत्फ उठाया और यह हम सभी के लिए अच्छा अनुभव था.’’ राहुल ने मैच में सात विकेट चटकाने वाले सुरंगा लकमल की तारीफ की.
उन्होंने कहा, ‘‘लकमल ने काफी अच्छी गेंदबाजी की और तेज गेंदबाजों को मदद मिल रही थी. पहली पारी में हमारे गेंदबाजों ने कुछ बेजोड़ गेंद फेंकी. वे भाग्यशाली रहे कि बल्ले का किनारा लेने के बाद गेंद क्षेत्ररक्षकों के हाथ में नहीं पहुंची. मैंने कभी नहीं सोचा था कि पहले दो दिन बारिश के बाद पहला मैच इतना करीबी होगा.’’ श्रीलंका को अंतिम सत्र के दौरान समय बर्बाद करने की रणनीति अपनाते देखा गया और फिजियो कुछ मौकों पर मैदान पर आया जबकि जब मोहम्मद शमी गेंदबाजी कर रहे थे तो निरोशन डिकवेला क्रीज से बाहर आ रहे थे जिसके बाद गर्मागर्म बहस भी हुई.
राहुल ने इसे अजीब स्थिति बताया लेकिन विरोधी टीम को दोषी नहीं ठहराते हुए कहा कि इस तरह के हालात में वे भी ऐसा ही करते.
उन्होंने कहा, ‘‘खेल इसी तरह खेला जाता है. कोई भी मैच गंवाना नहीं चाहता. यह खेल की चालें हैं और प्रत्येक टीम ऐसा करती है. इसमें कुछ भी अनुचित नहीं है.’’