KL Rahul: भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज बन चुके केएल राहुल ने अपने प्रदर्शन से लगातार निराश किया है. राहुल का टीम में महत्व इतना है कि उन्हें कप्तानी के लिए सबसे बड़ा दावेदार माना जाता है और नियमित कप्तान की गैरमौजूदगी में वह टीम की कप्तानी भी करते हैं. हालांकि, इन सबके बावजूद वह अपने प्रदर्शन से इस महत्व को साबित नहीं कर पा रहे हैं और फिर भी उन्हें लगातार मौके मिलते ही जा रहे हैं. आइए जानते हैं इस साल कैसा रहा राहुल का प्रदर्शन.


टेस्ट में बेहद लचर रहा राहुल का प्रदर्शन


राहुल ने इस साल चार टेस्ट मैच खेले जिनमें 17.12 की बेहद खराब औसत के साथ उनके बल्ले से केवल 137 रन ही निकले. आठ पारियों में राहुल केवल एक ही अर्धशतक लगा सके. बांग्लादेश के खिलाफ चार पारियों में वह केवल 57 रन ही बना पाए जिसमें 23 उनका सर्वोच्च स्कोर रहा. पिछले साल पांच मैचों में राहुल ने 461 रन बनाए थे जिसमें दो शतक और एक अर्धशतक शामिल रहे थे.


लिमिटेड ओवर्स में भी खास नहीं रहा राहुल का प्रदर्शन


केवल टेस्ट ही नहीं बल्कि लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट में भी राहुल का प्रदर्शन इस साल निराशाजनक रहा है. इस साल खेले 10 वनडे मैचों की नौ पारियों में राहुल ने 27.88 की औसत के साथ 251 रन बनाए हैं. वनडे में राहुल ने दो अर्धशतक लगाए हैं. टी20 इंटरनेशनल में राहुल ने ठीक प्रदर्शन किया. उन्होंने 16 मैचों में 28.93 की औसत के साथ 434 रन बनाए जिसमें छह अर्धशतक शामिल रहे. हालांकि, टी20 वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट्स में राहुल का बल्ला खामोश रहा.


कप्तानी करते हुए और खराब रहे राहुल के आंकड़े


कप्तानी करते हुए राहुल का प्रदर्शन और भी खराब रहा है. इस साल उन्होंने कप्तान के तौर पर वनडे में छह पारियां खेली हैं और केवल 19.16 की औसत के साथ 115 रन ही बना सके हैं. इस दौरान राहुल का स्ट्राइक-रेट केवल 68.86 का ही रहा है. टेस्ट में भी कप्तान के तौर पर राहुल ने छह पारियों में 19.16 की औसत के साथ 115 रन बनाए हैं.


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