पर्थ टेस्ट में चौथे दिन का खेल खत्म हो गया है. मैच के आखिरी दिन भारत को जीत के लिए 175 रन चाहिए. आधी भारतीय टीम पवेलियन लौट चुकी है. क्रीज पर ऋषभ पंत और हनुमा विहारी खेल रहे हैं. जो बल्लेबाज के नाम पर आखिरी जोड़ी है.
इसके बाद गेंदबाजों का नंबर आता है. लिहाजा 175 रन बनाकर मैच जीतने की बात सोचना दिन में ही सपने देखने जैसा है. अब तो कवायद इस बात की है कि हार का अंतर कितना कम रखा जाए. कुछ ऐसी ही स्थिति पहले टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया की थी. वहां कंगारुओं की हार तय थी बस हार के अंतर को लेकर पसीना बहाया जा रहा था.
क्रिकेट भले ही अनिश्चितताओं का खेल कहा जाता है लेकिन पर्थ में काफी कुछ ऐसा हुआ जिसे देखकर ही समझ आ गया कि अब भारतीय टीम इस मैच को बचा नहीं पाएगी. अब तक इस मैच के पांच टर्निंग प्वाइंट देखते हैं.
विराट कोहली को गलत आउट दिया जाना
भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के 326 रनों के जवाब में पहली पारी में बल्लेबाजी कर रही थी. पांच विकेट पर ढाई सौ रनों का स्कोर टीम इंडिया ने पार कर लिया था. विराट कोहली शानदार शतक लगाकर बिल्कुल मजबूत इरादों के साथ मोर्चा संभाले हुए थे. इस बात की पूरी उम्मीद थी कि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के स्कोर के करीब पहुंच जाएगी. तभी कमिंग्स की गेंद पर स्लिप में उनके एक शॉट को हैंड्सकॉम्ब ने लपक लिया. मामला करीबी था. ऐसा लग रहा था कि गेंद हैंड्सकॉम्ब के हाथ में आने से पहले जमीन छू चुकी है. लेकिन इस फैसले पर फील्ड अंपायर कुमार धर्मसेना ने विराट कोहली को आउट करार दिया.
मामला थर्ड अंपायर के पास पहुंचा लेकिन नियमों के दायरे में फंसे थर्ड अंपायर के पास भी विराट कोहली को नॉट आउट देने का कोई आधार नहीं था. अगले 32 रनों में पूरी भारतीय टीम सिमट गई और ऑस्ट्रेलिया को 43 रन की अहम बढ़त मिल गई. अब भारतीय टीम को जीत के लिए जितने रन चाहिए उसमें 43 रन कम कर दीजिए तो खेल ही बदल जाएगा.
चौथे दिन पहले सेशन का खेल
भारतीय टीम के लिहाज से चौथे दिन पहले सेशन का खेल भी बड़ा टर्निंग प्वाइंट रहा. ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों ने पहले सेशन में बहुत सूझबूझ से बल्लेबाजी की. चौथे दिन पहले सेशन के खेल में उस्मान ख्वाजा और टिम पेन ने मिलकर करीब 60 रन जोड़े और गेंदबाजों को एक भी कामयाबी नहीं मिलने दी. लिहाजा टीम इंडिया चौथी पारी में जो सवा दो सौ से ढाई सौ रनों के लक्ष्य का पीछा करने की सोच रही थी वो संख्या 287 रनों पर पहुंच गई.
उमेश यादव ने निराश किया
पर्थ की विकेट को देखते हुए विराट कोहली ने उमेश यादव को प्लेइंग 11 में चौथे तेज गेंदबाज के तौर पर शामिल किया था लेकिन उमेश यादव ने निराश किया. पहली पारी में तो उन्होंने 78 रन देकर 2 विकेट लिए थे लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने औसत गेंदबाजी की. उनके खाते में एक भी विकेट नहीं आया. वो पर्थ की अपेक्षाकृत अलग विकेट पर कोकुबुरा गेंद से दूसरी पारी में सही लाइन लेंथ नहीं रख पाए.
केएल राहुल का फ्लॉप शो जारी
दुनिया की कोई भी टीम 287 रनों का लक्ष्य चौथी पारी में तभी हासिल कर सकती है जब उसके सलामी बल्लेबाज उसे अच्छी शुरूआत दिलाएं. टीम इंडिया की बदकिस्मती ये रही कि इस पैमाने पर भी उसके बल्लेबाज खरे नहीं उतरे. लगातार आउट ऑफ फ़ॉर्म चल रहे केएल राहुल पहले ही ओवर में आउट होकर पवेलियन चले गए. इस तरह स्कोरबोर्ड पर एक भी रन जुड़े बिना ही टीम इंडिया की सलामी जोड़ी टूट चुकी थी.
ऑस्ट्रेलिया के पुछल्ले बल्लेबाजों का योगदान
पुछल्ले बल्लेबाज हाल के दिनों में टीम इंडिया की सबसे बड़ी परेशानी रहे हैं. पर्थ में भी ऐसा ही हुआ. पहली पारी में 251 रन पर 6 विकेट खोने के बाद भी ऑस्ट्रेलियाई टीम 326 रन बनाने में कामयाब रही थी. इसी तरह दूसरी पारी में 192 रन पर 6 विकेट गंवाने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने 243 रन बना लिए. यानी पहली पारी में 75 और दूसरी पारी में 51 रन पुछल्ले बल्लेबाजों ने बनाए. इससे उलट भारतीय टीम के पुछल्ले बल्लेबाज इस मोर्चे पर बिल्कुल नाकाम रहे हैं. मैच के पांचवे दिन एक बार फिर उनका इम्तिहान होना है.