नागपुर: पिछले 11 मैचों में से दस में जीत के बाद भारत की मैदानी रणनीति अच्छी तरह से काम कर रही है और स्टार बल्लेबाज विराट कोहली का मानना है कि मैदान के बाहर भी संतुलन बनाये रखना महत्वपूर्ण होगा.
कोहली ने न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले मैच की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘इस तरह के सभी बड़े टूर्नामेंट में मैदान के बाहर आप खुद को कैसे व्यवस्थित रखते हो इसके लिये कौशल की जरूरत पड़ती है. मैदान के अंदर आपके लिये यह सुरक्षित स्थान होता है विशेषकर तब जबकि आप घरेलू सरजमीं पर खेलते हो. ’’
उप कप्तान ने कहा, ‘‘मैदान एक ऐसा स्थान होता है जहां आप इस तरह के बड़े टूर्नामेंटों में कम दबाव का सामना करते हो. महत्वपूर्ण यह है कि आप मैदान के बाहर खुद को कैसे व्यवस्थित करते हो. इसके लिये सामूहिक प्रयास की जरूरत पड़ती है. अन्य टीमों की रणनीति पर ध्यान देने के बजाय हमें खुद पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.’’
कोहली ने कहा कि अभी तक काफी कुछ लिखा और कहा जा चुका है और इसे नजरअंदाज करना मुश्किल है. उन्होंने कहा, ‘‘आपके बारे में जो कुछ कहा जा रहा है उसको नजरअंदाज करना मुश्किल होता है. असल में लोग आपके पास आते हैं और कहते हैं कि हम वास्तव में चाहते हैं कि आप विश्व कप जीतो. घरेलू सरजमीं पर हम इसकी उम्मीद कर रहे हैं और इसके लिये तैयार हैं. ’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह बड़ी प्रतियोगिता है और पूरा अहसास द्विपक्षीय श्रृंखला से पूरी तरह अलग है. हम सभी अनुभवी है और जानते हैं कि बड़े टूर्नामेंटों में कहां शांति से काम लेने की जरूरत है. दूसरी टीमों को खेलते हुए देखने से आपका ध्यान बंट सकता है. इन सबसे बचना और आपकी टीम क्या कर रही है उस पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है. ’’
कोहली 2011 विश्व कप विजेता टीम का भी हिस्सा थे, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि वह तब ऐसे युवा थे जिसे इस तरह के दबाव का अहसास नहीं था. उन्होंने याद करते हुए कहा, ‘‘निश्चित रूप से, मैं इतना दबाव महसूस नहीं करता था क्योंकि मैं तब काफी युवा था जो पैर जमाने और टीम के लिये योगदान करने की कोशिश कर रहा था. मैंने सीनियर खिलाड़ियों को देखा था, लोग उनसे जिस तरह की उम्मीद करते थे. हर जगह उन्हें सलाह, सुझाव मिलते, उम्मीदें होती और प्रार्थनायें होती. आपको इन सबसे सीखना होता है. ’’
कोहली ने ऑल राउंडर हार्दिक पंड्या और तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को शामिल करने का भी स्वागत किया और उन्हें लगता है कि इससे टीम में ‘एक्स-फैक्टर’ आ गया है जिसने पिछले कुछ समय में टीम की सफलता में काफी योगदान दिया है.
उन्होंने कहा, ‘‘जैसा मैंने 2011 विश्व कप के दौरान कहा था, मैं खुद को साबित करने और स्थापित करने के लिये परेशान था. नये खिलाड़ी जैसे बुमराह और हार्दिक में भी यही चिंता है लेकिन मेरी तुलना में इनके अंदर अब काफी आत्मविश्वास है. इन्होंने काफी आईपीएल क्रिकेट खेला है और बड़े खिलाड़ियों के साथ कंधे से कंधा मिलाया है, ये आईपीएल फाइनल खेल चुके हैं और विभिन्न हालात में इन्होंने प्रदर्शन किया है. ’’ कोहली ने कहा, ‘‘उन्होंने यह आत्मविश्वास टीम में भरा है जो अच्छा है. उनके पास कौशल है जिसका इस्तेमाल उन्होंने आईपीएल में किया जो हमारी टीम में ‘एक्स-फैक्टर’ है जिसने पिछली कुछ श्रृंखलाओं में हमारी काफी मदद की है. ’’
उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह का संतुलन इन्होंने हमें दिया है, वह काफी अहम है. महेंद्र सिंह धोनी ने खुद बुमराह की अंतिम ओवर में गेंदबाजी और नयी गेंद से आशीष के साथ गेंदबाजी और पंड्या की मध्य के ओवरों में मजबूत गेंदबाजी के बारे में बात की.’’