VIDEO: केएस भरत टीम इंडिया की टेस्ट जर्सी मिलने के बाद हो गए थे इमोशनल, जानें किसे दिया सक्सेस का क्रेडिट
IND vs AUS 1st Test: केएस भरत का कहना है कि उन्हें अब तक के सफर में कोच जयकृष्णा राव और राहुल द्रविड़ से बहुत सपोर्ट मिला है.
KS Bharat Test Debut: भारत और ऑस्ट्रेलिया (IND vs AUS) के बीच नागपुर में खेले जा रहे टेस्ट मैच में केएस भरत (KS Bharat) टीम इंडिया की प्लेइंग-11 का हिस्सा है. यह उनके करियर का पहला टेस्ट मैच है. वैसे पिछले एक साल में वह भारतीय टेस्ट स्क्वाड में कई बार शामिल किए गए हैं लेकिन उन्हें अब तक प्लेइंग-11 में खेलने का मौका नहीं मिला था. आज जब उन्हें टेस्ट डेब्यू का मौका मिला तो उनके एक्सप्रेशंस देखने लायक थे. उन्हें चेतेश्वर पुजारा ने टेस्ट कैप थमाई.
BCCI ने केएस भरत के टेस्ट डेब्यू पर एक वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें वह अपने होटल रूम में टेस्ट जर्सी को देखते हुए नजर आ रहे हैं. इस वीडियो में केएस भरत यहां तक पहुंचने के सफर को भी बयां करते दिखाई दे रहे हैं. इस दौरान उन्होंने अपने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कोच जयकृष्णा राव और टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ को भी श्रेय दिया है.
केएस भरत कहते हैं, 'पीछे मुड़कर देखते हैं कि कहां से यह सब चीजें शुरू हुई थीं और इतने लंबे सालों के सफर के बाद अब यहां तक पहुंचे हैं, तो यह सब याद करते हुए बेहद खुशी होती है. फिर अपनी टेस्ट जर्सी को देखना, वाकई यह एक गर्व करने वाला पल था. जब मैंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलना शुरू किया तो ईमानदारी से कहूं तो मैंने नहीं सोचा था कि यहां तक पहुंच भी पाऊंगा. मेरे कोच जयकृष्णा राव को इसका श्रेय जाता है. उन्हें मुझ पर यकीन था कि मैं यहां तक पहुंचने की काबिलियत रखता हूं.'
As @KonaBharat gets set for the biggest day in his life, the Test debutant recalls his long journey to the top 👍 👍 - By @RajalArora
— BCCI (@BCCI) February 9, 2023
FULL INTERVIEW 🎥 🔽 #TeamIndia | #INDvAUS https://t.co/BLCpG0eOns pic.twitter.com/mih3f2AdIk
केएस भरत कहते हैं, 'यहां तक पहुंचने से पहले मैंने इंडिया-ए के लिए साल 2018 में डेब्यू किया था. तब राहुल द्रविड़ सर उस टीम के कोच थे. मेरा यह सफर हमेशा धीरे-धीरे आगे बढ़ा. जब मैंने इंग्लैंड में इंडिया-ए के लिए खेला तो राहुल सर से मेरी काफी बातें होती थी कि किस तरह अपने खेल को अगले स्तर पर ले जा सकें. वह हमेशा इस बात पर जोर देते रहते थे कि तुम ठीक कर रहे हो, जैसे हो और जिस तरह का क्रिकेट खेलते आए हो, बस वैसा ही करते रहो.'
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