कानपुर: भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में खेलने वाले पहले चाइनामैन गेंदबाज बने कुलदीप यादव के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला में टेस्ट कैप पहनने के बाद से उनके यहां जाजमउ स्थित घर में जश्न का माहौल है और सुबह से ही बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.



कुलदीप ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा सीरीज के लिये टीम में शामिल थे लेकिन उनके परिजनों को यकीन नहीं था कि चोटिल कप्तान विराट कोहली के स्थान पर उन्हें अंतिम एकादश में जगह बनाने का मौका मिलेगा. भारत ने हालांकि पांच गेंदबाजों के साथ उतरने का फैसला किया और ‘भाषा’ संवाददाता ने इस स्पिनर के पिता रामसिंह यादव को यह खबर दी तो वह खुशी से उछल पड़े.



उन्होंने कहा, ‘‘आज हमारे परिवार का बरसों का सपना पूरा हो गया.’’ इसके बाद से ही उनके घर में जश्न का माहौल बन गया. उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के पदाधिकारी, कुलदीप के कोच और पूर्व खिलाड़ी काफी खुश है. कुलदीप को दस साल की उम्र से क्रिकेट की बारीकियां सिखाने वाले उसके कोच कपिल पांडेय ने कहा ‘‘आज मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया. पिछले 12 साल से मैं जिस बच्चे को ट्रेनिंग दे रहा था आज वह भारत के लिये टेस्ट क्रिकेट खेल रहा है.’’



उन्होंने कहा, ‘‘जब वह दस साल की उम्र में मेरे पास आया था तो मैंने इसे अन्य बच्चों की तरह ही ट्रेनिंग देनी शुरू की लेकिन कुछ समय बाद जब मैने इसकी गेंद को पिच पर घूमते हुए देखा तो मुझे लग गया कि इस बच्चे में कुछ खास है और फिर मैने इस पर मेहनत शुरू की और आज अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहा है. आज मैं कुलदीप की कामयाबी से काफी खुश हूं इसमें उसकी कड़ी मेहनत भी जुड़ी है. वह बायें हाथ से लेग स्पिन (चाइनामैन) गेंदबाजी करता है जो अपनी तरह में काफी अलग है.’’ कुलदीप भारत के पहले चाइनामैन गेंदबाज हैं और उन्होंने डेविड वार्नर के रूप में अपना पहला टेस्ट विकेट लेकर टीम प्रबंधन का फैसला सही साबित किया.



उन्होंने ‘भाषा’ से कहा, ‘‘मेरे बेटे को शुरू से ही क्रिकेट का काफी शौक था और इसी को देखते हुये मैने नौ-दस साल की उम्र से ही उसे क्रिकेट की कोचिंग दिलानी शुरू कर दी थ . क्रिकेट के प्रति उसकी लगन और समर्पण से मुझे उम्मीद थी कि यह भारतीय टीम की तरफ से खेलेगा और आज के दिन मेरे लिये सबसे खुशी का दिन है कि आज मेरा बेटा देश के लिये पहला टेस्ट मैच खेल रहा है.’’



पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर और उत्तर प्रदेश के चयनकर्ता ज्ञानेंद्र पांडे ने कहा, ‘‘जब मैं रणजी टीम का कोच था तो कुलदीप की गेंदबाजी देखता था और तभी लगता था कि यह लड़का एक दिन भारत के लिये खेलेगा. ’’



उन्होंने कहा, ‘‘कुलदीप की कामयाबी का राज उसकी बायें हाथ की लेग स्पिन यानि चाइनामैन गेंदबाजी है. इसमें गेंद तो वह बायें हाथ से कराता है लेकिन बल्लेबाज तक पहुंचने पर वह गेंद ऑफ स्पिन की तरह अंदर की तरफ (दायें हाथ के बल्लेबाज के लिये) आती है. इससे बल्लेबाज चकमा खा जाता है और वह अपना विकेट गंवा बैठता है. कुलदीप को इस अनोखी गेंदबाजी के कारण काफी कामयाबी मिलेगी. ’’



उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के निदेशक एस के अग्रवाल ने कहा, ‘‘आज यूपीसीए के लिये काफी खुशी का दिन है कि आज उसका एक और खिलाड़ी भारतीय टीम में उत्तर प्रदेश का नाम रोशन कर रहा है. पूरे यूपीसीए की तरफ से कुलदीप यादव को बधाई और हम भविष्य में कुलदीप को सम्मानित भी करेंगे.’’