ऑस्ट्रेलियाई टीम अपने ही घर में संघर्ष कर रही है. 2005 के बाद पहली बार उसे फॉलोऑन खेलना पड़ा है. यानी करीब 13 साल बाद. अपने घर में, अपनी पिचों पर और अपने ही समर्थकों के सामने तो फॉलोऑन खेले और भी लंबा वक्त बीत चुका था. सीरीज हाथ से निकल चुकी है. अब तो इज्जत बचाने का संकट है.


एडिलेड और मेलबर्न टेस्ट मैच जीतकर भारत ने सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली थी. सिडनी टेस्ट में भी भारत के 622 रनों के जवाब में कंगारुओं की पहली पारी 300 रनों पर सिमट चुकी है. चौथे दिन के खेल में खराब रोशनी से काफी बाधा डाली है. कंगारुओं को निश्चित तौर पर मौसम का शुक्रगुजार होना चाहिए. बावजूद इसके अभी टेस्ट मैच में पूरे एक दिन का खेल बाकि है.


ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की सीरीज में जो हालत रही है उसको देखकर ये कहा जा सकता है कि मैच के आखिरी दिन उन पर जो दबाव होगा उससे बचना उनके लिए बड़ी चुनौती होगी. भारतीय गेंदबाज भी इस इरादे के साथ मैदान में उतरेंगे कि उन्हें अपना सब कुछ झोंक कर इस टेस्ट मैच को जीतना है क्योंकि पारी की जीत का मनोवैज्ञानिक फायदा लंबे समय तक रहेगा. इस लक्ष्य को पाने के लिए सबसे ज्यादा उम्मीदें रहेंगी कुलदीप यादव से, जिन्होंने पहली पारी में शानदार पांच विकेट लिए हैं.


कुलदीप यादव की मेहनत रंग लाई

कुलदीप यादव इस सीरीज में पहला टेस्ट मैच खेल रहे थे. सिडनी टेस्ट से पहले जब विराट कोहली ने आखिरी मिनट पर टीम में आर अश्विन और कुलदीप यादव का नाम शामिल किया तो ये बात समझ आ गई कि विराट सिडनी में दो स्पिनर्स के साथ उतरने का मन बना चुके हैं. बावजूद इसके इस बात की उम्मीद ज्यादा थी कि विराट कोहली कुलदीप के मुकाबले आर अश्विन को ज्यादा तरजीह देंगे.


ऐसा इसलिए भी क्योंकि रवींद्र जडेजा के तौर पर टीम में एक बाएं हाथ का स्पिनर पहले से था. लेकिन आखिरी मिनटों पर कुलदीप यादव को मौका मिला. सीमित ओवर के खेल में अपनी टीम के लिए बड़े मैच विनर कुलदीप यादव ने टेस्ट मैच में भी अपना कमाल दिखाया. उन्होंने टॉप ऑर्डर से लेकर मिडिल और लोवर ऑर्डर के बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई. कुलदीप यादव ने उस्मान ख्वाजा, ट्रेविस हेड, टिम पेन, नेथन लाएन और जोश हेडलवुड को आउट किया.


इस तरह कुलदीप यादव ने 31.5 ओवर में 99 रन देकर कुल 5 विकेट लिए. इस के साथ ही कुलदीप यादव पिछले एक दशक में ऑस्ट्रेलिया में शानदार प्रदर्शन करने वाले टॉप भारतीय स्पिनर बन गए. इससे पहले 2008 में अनिल कुंबले ने सिडनी टेस्ट में दोनों पारियों में 4-4 विकेट लिए थे. आर अश्विन भी 2015 में सिडनी टेस्ट मैच में 4 विकेट लेने का कारनामा किया था. कुलदीप यादव ने मौका पाते ही इन्हें पीछे छोड़ दिया.


क्या रही कुलदीप यादव की खासियत


कुलदीप यादव लिमिटेड ओवरों के खेल में अपनी रफ्तार और वेरिएशन से दुनिया भर के बल्लेबाजों को चकमा देते आ रहे हैं. टेस्ट फॉर्मेट में उन्हें अभी ज्यादा मौका नहीं मिला है. टेस्ट क्रिकेट में गेंदबाजी के दौरान जो संयम चाहिए होता है कुलदीप यादव ने वही संयम दिखाया. उन्होंने दाएं हाथ के बल्लेबाजों को करीब 60 फीसदी गेंद गुडलेंथ पर फेंकी. इसके साथ साथ लेंथ में वेरिएशन के तौर पर उन्होंने तीस फीसदी गेंद फुल लेंथ डाली.


बाएं हाथ के बल्लेबाजों को उन्होंने गुडलेंथ के मुकाबले फुललेंथ की गेंद ज्यादा फेंकी. उन्हें अपनी गेंद के टप्पे का अंदाजा था. उन्होंने बल्लेबाजों को स्विप शॉट खेलने के लालच में भी फंसाकर आउट किया. सिडनी टेस्ट में अभी एक दिन का खेल बाकि है. मैच के आखिरी दिन कंगारुओं पर मैच बचाने का जबरदस्त दबाव होगा. भारतीय टीम के पास स्कोरबोर्ड पर रनों की कोई कमी नहीं है. अगर किसी बल्लेबाज ने आक्रामक बल्लेबाजी की भी तो उससे भारतीय कप्तान के बैकफुट पर जाने का सवाल ही नहीं है. पिच स्पिनर्स को मदद कर रही है. आगे भी करेगी. मैच के चौथे दिन विराट कोहली यही सोच रहे होंगे कि आखिरी दिन कुलदीप यादव का करिश्मा कायम रहे. जीत का सिलसिला भी कायम रहेगा.