14 जुलाई 2019 को आईसीसी क्रिकेट विश्वकप का फाइनल जिसने भी देखा उसने यही कहा भले ही इंग्लैंड की टीम विजेता बनी हो लेकिन मैच में एक भी पल ऐसा नहीं था जब न्यूज़ीलैंड की टीम उनसे कम साबित हुई हो. लेकिन इस मैच में एक लम्हा ऐसी भी आया जिसे देखने के बाद सभी ने कहा कि इस पल की वजह से न्यूज़ीलैंड की टीम को हार देखनी पड़ी.
मैच के आखिरी ओवर में वो पल था जब फील्डर की एक थ्रो सीधे बेन स्टोक्स के बल्ले से लगकर बाउंड्री कर गई और इंग्लैंड की टीम की मैच में वापसी हो गई. अब इस पल पर फाइनल मैच के मैदानी अंपायर ने कहा है कि फैसले देने में उनसे गलती हुई.
आईसीसी विश्व कप-2019 के फाइनल में ओवरथ्रो के चार देने वाले मैदानी अंपायर कुमार धर्मसेना ने स्वीकार किया है कि विश्व कप फाइनल में इंग्लैंड को चार देना उनकी गलती थी और उन्हें एक रन देना चाहिए था.
फाइनल मैच के अंतिम ओवर में 242 रनों का पीछा कर रही इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने दो रन दौड़कर लिए थे और दूसरे रन लेने के दौरान फील्डर का थ्रो बेन स्टोक्स के बल्ले से टकरा पर बाउंड्री पार चला गया था, जिससे इंग्लैंड के खाते में चार रन आए थे.
मैदानी अंपायर कुमार धर्मसेना ने अपने साथी अंपायरों से बात करने के बाद छह रन इंग्लैंड को दिए थे. इंग्लैंड इससे मैच में वापस आ गई थी.
धर्मसेना ने श्रीलंका के अख्बार संडे टाइम्स से कहा, "अब टीवी पर रीप्ले देखने के बाद मैं स्वीकार करता हूं कि फैसला करने में गलती हुई थी. लेकिन मैदान पर टीवी रीप्ले देखने की सहूलियत नहीं थी और मुझे अपने फैसले पर कभी मलाल नहीं होगा."
पूर्व अंपायर साइमन टॉफेल ने हालांकि अंपायरों के छह रन देने के फैसले को गलत बताया था और कहा था कि यहां छह रन के बजाय पांच रन देने चाहिए थे, क्योंकि बल्लेबाजों ने दूसरा रन पूरा नहीं किया था.
श्रीलंका के धर्मसेना ने कहा, "मैंने संवाद प्रणाली के जरिये लेग अंपायर से सलाह ली, जिसे सभी अन्य अंपायरों और मैच रैफरी ने सुना. वे टीवी रीप्ले नहीं देख सकते थे, उन सभी ने पुष्टि की कि बल्लेबाजों ने दूसरा रन पूरा कर लिया है. इसके बाद मैंने अपना फैसला किया."