दिल्ली के सामने 167 रन का लक्ष्य था और एक समय उसका स्कोर तीन विकेट पर 144 रन था, लेकिन यहां से एकदम से पासा पलट गया. दिल्ली ने 17 गेंद के अंदर केवल आठ रन बनाये और इस बीच बाकी बचे सात विकेट गंवा दिये और उसकी टीम 19.2 ओवर में 152 रन पर ढेर हो गयी. ऋषभ पंत (26 गेंदों पर 39) और कोलिन इंग्राम (29 गेंदों पर 38 रन) के बीच चौथे विकेट के लिये 62 रन की साझेदारी बेकार चली गयी.
पंजाब को शमी (27 रन देकर दो विकेट) ने वापसी दिलायी तो करन (11 रन देकर चार विकेट) ने उसे अंजाम तक पहुंचाया. इन दोनों के अलावा कप्तान रविचंद्रन अश्विन ने 31 रन देकर दो विकेट लिये.
इससे पहले टास गंवाने के बाद बल्लेबाजी के लिये उतरे पंजाब को शीर्ष क्रम में क्रिस गेल की कमी खेली. उसने नियमित अंतराल में विकेट गंवाये और आखिर में नौ विकेट पर 166 रन बनाये. उसकी तरफ से डेविड मिलर ने 30 गेंदों पर 43, सरफराज खान ने 29 गेंदों पर 39 और मनदीप सिंह ने 21 गेंदों पर नाबाद 29 रन का योगदान दिया.
दिल्ली के लिये क्रिस मौरिस ने 30 रन देकर तीन, संदीप लेमिचाने ने 27 रन देकर दो और कैगिसो रबाडा ने 32 रन देकर दो विकेट लिये.
पंजाब की यह चार मैचों में तीसरी जीत है और वह अंकतालिका में छह अंक लेकर दूसरे स्थान पर पहुंच गया है. दिल्ली को चार मैच में दूसरी हार का सामना करना पड़ा.
दिल्ली की शुरुआत अच्छी नहीं रही. रविचंद्रन अश्विन ने गेंदबाजी का आगाज किया और पिछले मैच में 99 रन बनाने वाले युवा पृथ्वी साव को ‘गोल्डन डक’ बनाया. इसके बाद शिखर धवन (25 गेंदों पर 30) और कप्तान श्रेयस अय्यर (22 गेंदों पर 28) ने दूसरे विकेट के लिये 43 गेंदों पर 61 रन जोड़े.
धवन का आर अश्विन पर लगाया गया कवर ड्राइव दर्शनीय था तो अय्यर ने विलजोन पर लगातार दो चौके लगाये. लेकिन यह गेंदबाज जब छोर बदलकर आया तो अय्यर उनकी आफ स्टंप से बाहर जाती गेंद विकेटों में खेल गये. पंत के क्रीज पर आने के कारण आर अश्विन ने विलजोन की जगह खुद गेंद संभाली और धवन को पगबाधा आउट किया.
इसके बाद पंत और इंग्राम ने बखूबी जिम्मेदारी संभाली. आर अश्विन ने इन दोनों के सामने स्पिन आक्रमण को आजमाया लेकिन किंग्स इलेवन का कप्तान, अफगानिस्तान के आफ स्पिनर मुजीब उर रहमान और लेग स्पिनर मुरूगन अश्विन में से कोई भी इन दोनों को नहीं बांध पाया. इंग्राम ने मुजीब की गेंद उनके सिर के ऊपर से छह रन के लिये भेजी जबकि पंत ने आर अश्विन पर डीप मिडविकेट पर छक्का लगाया.
जब चार ओवर में 30 रन चाहिए तब शमी अपना दूसरा स्पैल करने के लिये आये. पंत ने उन पर लांग आन पर छक्का जमाया लेकिन शमी ने अगली गेंद पर उनका मिडिल स्टंप थर्रा दिया. नये बल्लेबाज मौरिस आते ही रन आउट होकर पवेलियन लौट गये और करन ने अगले ओवर में पहले इंग्राम और आखिरी गेंद पर हर्षल पटेल को आउट कर दिया.
अब दिल्ली की उम्मीद हनुमा विहारी (दो) पर टिकी थी लेकिन शमी ने अगले ओवर में उनका विकेट भी उखाड़ दिया. करन आखिरी ओवर करने आये और उन्होंने पहली दो गेंदों पर कैगिसो रबाडा और संदीप लैमिचाने को बोल्ड करके हैट्रिक पूरी की. वह पंजाब की तरफ से हैट्रिक लेने वाले तीसरे गेंदबाज बन गये हैं.
इससे पहले पंजाब को मैच से पहले ही झटका लगा क्योंकि गेल पीठ दर्द के कारण नहीं खेल पाये. गेल की अनुपस्थिति में केएल राहुल और करन की नयी सलामी जोड़ी पंजाब को अपेक्षित शुरुआत भी नहीं दिला पायी.
अय्यर ने शुरू में ही गेंदबाजी में रणनीतिक बदलाव किये. पंजाब की सलामी जोड़ी ने शुरू से हावी होने की रणनीति अपनायी लेकिन राहुल (11 गेंदों पर 15) को मौरिस ने छक्का जड़ने के बाद अगली गेंद पर पगबाधा आउट किया तो लेमिचाने के सामने करन (दस गेंदों पर 20) ने इसकी पुनरावृत्ति की. मयंक अग्रवाल (छह) शिखर धवन के सटीक थ्रो से रन आउट हो गये जिससे पंजाब संकट में पड़ गया.
सरफराज और मिलर ने चौथे विकेट के लिये 62 रन जोड़े जिससे शुरू में नियमित अंतराल में विकेट गंवाने के बावजूद पंजाब की बड़ा स्कोर खड़ा करने की उम्मीद बनी रही. लेमिचाने ने सरफराज को आउट करके यह साझेदारी तोड़ी जिन्होंने अपनी पारी में छह चौके लगाये. मिलर भी डेथ ओवरों के लिये क्रीज पर नहीं रहे. दक्षिण अफ्रीका के अपने साथी मौरिस की आफ कटर पर उन्होंने भी विकेट के पीछे कैच थमाया.
पंजाब ने अंतिम चार ओवरों में पांच विकेट गंवाये और इस बीच उसने 30 रन बनाये. इनमें मनदीप के वह चौका और छक्का भी शामिल हैं जो उन्होंने रबाडा की पारी की अंतिम दो गेंदों पर लगाये.