फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में बेमिसाल प्रदर्शन के साथ ही साल 2006 में टीम इंडिया की खोज माने जा रहे लेग स्पिनर पियूष चावला अंतराष्ट्रीय स्तर बड़ा कमाल नहीं कर सके. लेकिन टीम इंडिया के लिए 3 टेस्ट और 25 वनडे खेले इस 29 वर्षीय स्पिन गेंदबाज़ को उम्मीद है कि वो टीम इंडिया में वापसी करने में कामयाब रहेगी.


2011 विश्वकप विजेता टीम का हिस्सा रहे पियूष ने अब भी राष्ट्रीय टीम में वापसी की उम्मीद नहीं छोड़ी है और उन्हें उम्मीद है कि वह जल्द ही फिर से भारत की तरफ से खेलने में सफल रहेंगे.


चावला ने कहा, ‘‘मैं राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने को लेकर किसी तरह के दबाव में नहीं हूं. मुझे वापसी की पूरी उम्मीद है.’’


उन्होंने हालांकि स्वीकार किया कि अनिल कुंबले का स्थान लेना मुश्किल है जिनके संन्यास के बाद भारत को कोई स्थायी लेग स्पिनर नहीं मिल पाया है.


चावला ने कहा, ‘‘कुंबले का स्थान ले पाना बहुत मुश्किल है. उन्होंने भारतीय क्रिकेट व स्पिन गेंदबाजी को एक नयी पहचान दी. उनकी गेंदबाजी आज भी गेंदबाजों के लिए मिसाल है. अमित मिश्रा समेत कई लेग स्पिनरों ने शानदार प्रदर्शन कर टीम में स्थायी जगह बनाने की कोशिश की, लेकिन कुंबले की जगह ले पाना बहुत मुश्किल है.’’


हालांकि अभी पियूष के लिए टीम में जगह बना पाना आसान नहीं है क्योंकि कुलदीप यादव और युजवेन्द्र चहल की जोड़ी ने बाकी सभी स्पिनर्स के लिए टीम की दरवाज़े लगभग बंद कर दिए हैं.


पिछले एक साल में इन दोनों स्पिनर्स ने टीम इंडिया के लिए इतनी बेहतरीन गेंदबाज़ी की है कि आर अश्विन और रविन्द्र जडेजा जैसे दिग्गज स्पिनरों को भी टीम में वापसी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.