Kapil Dev On Sachin: महान भारतीय ऑलराउंडर कपिल देव ने सचिन तेंदुलकर की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर टैलेंट के साथ हार्ड वर्क करने के सबसे बड़े उदाहरण हैं. महज 16 साल की उम्र में अपना कैरियर शुरू करने वाले सचिन भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े खिलाड़ी बने. उन्होंने अपने 24 साल के इंटरनेशनल कैरियर में 34 हजार से ज्यादा रन और 100 शतक बनाए. वर्ल्ड कप जीतने के साथ ही शायद ही कोई ऐसा रिकार्ड हो जो मास्टर ब्लास्टर के नाम नहीं हो.


कपिल ने आगे कहा कि टैलेंट होना अच्छी बात है, लेकिन टैलेंट का सही तरह से उपयोग करना बेहद जरूरी है. इसके लिए मेहनत करने की जरूरत होती है. सचिन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि तकरीबन 2 दशक तक उन्होंने लगातार मेहनत की. तेंदुलकर की मेहनत ने उन्हें लीजेंड बनाया.


टैलेंट होना ही काफी नहीं, मेहनत से मिलती है कामयाबी- कपिल देव


कपिल ने कहा कि सचिन टैलेंट और मेहनत के सबसे बड़े उदाहरण हैं. अगर आपको लगता है कि टैलेंट होना ही काफी है और मेहनत की जरूरत नहीं है तो आप विनोद कांबली के रास्ते पर जा रहे हैं. पारूल यूनिवर्सिटी में बच्चों से बात करते हुए कपिल ने कहा कि आपकी मंजिल खूबसूरत है, तो फिर सफर क्यों डरना. गौरतलब है कि 1983 वर्ल्ड कप चैंपियन टीम के कप्तान कपिल देव भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े खिलाड़ियों में एक माने जाते हैं. कपिल देव ने 28 साल पहले क्रिकेट छोड़ दिया था, लेकिन तकरीबन 3 दशक बाद भी भारतीय क्रिकेट को उनके जैसा ऑलराउंडर नहीं मिला है. बताते चलें कि कपिल का क्रिकेट कैरियर बेहद शानदार रहा. उन्होंने बैट के साथ-साथ बॉल से भी अपनी छाप छोड़ी.


टेलैंट और मेहनत के सही उदाहरण हैं सचिन- कपिल


पारूल यूनिवर्सिटी में बच्चों से बात करते हुए महान ऑलराउंडर ने कहा कि मैं बहुत ज्यादा बोलने वाला शख्स नहीं हूं, मैं हमेशा काम करने में यकीन रखता हूं. मैं मानता हूं कि अगर आपके पास जज्बा है तो आप कुछ भी कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि बस प्रतिभाशाली होने से कोई इंसान कामयाब नहीं हो जाता. कामयाब होने के लिए के लिए मेहनत करने की जरूरत होती है. साथ ही उन्होंने पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को टैलेंट और सही मेहनत का कॉम्बिनेशन करार दिया. वहीं, विनोद कांबली का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि महज टैलेंट से काम नहीं चलता, इसके साथ मेहनत करने की जरूरत होती है. बताते चलें कि टीम इंडिया ने 1983 में पहली बार विश्व खिताब अपने नाम किया था. उस टीम के कप्तान के कप्तान कपिल देव थे.


ये भी पढ़ें-


KKR vs RR Match: कोलकाता की जीत के हीरो रिंकू सिंह बोले- 5 साल से इस मौके का इंतजार कर रहा था


KKR vs RR: कोलकाता ने राजस्थान को 7 विकेट से हराया, नीतीश राणा और रिंकू का शानदार प्रदर्शन