Samad Fallah Maharashtra Bowler: भारतीय क्रिकेट टीम में खेलना काफी मुश्किल काम है. टीम में खेलने के लिए आपके पास टैलेंट के साथ-साथ अच्छी किस्मत भी होना बहुत जरूरी है. कई बार ऐसा होता है कि टैलेंटेड खिलाड़ी खराब किस्मत के चलते टीम इंडिया तक नहीं पहुंच पाते हैं. ऐसे ही कहानी महाराष्ट्र के लिए खेल चुके समद फल्लाह की है. बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने घरेलू क्रिकेट में बहुत शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन कभी टीम इंडिया में जगह नहीं बना सके. 


समद ने सालों तक महाराष्ट्र के लिए घरेलू क्रिकेट खेला. उन्होंने उत्तराखंड के लिए भी क्रिकेट खेला. 2010 में समद ने महाराष्ट्र को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जिताने में अहम योगदान दिया था. उन्होंने फाइनल मुकाबले में 4 विकेट झटके थे. 


धीरे-धीरे समद अपनी गेंदबाजी को लेकर सुर्खियों में आने लगे और उन्हें टीम इंडिया का वसीम अकरम और मिचेल जॉनसन कहा जाने लगा. फिर लगने लगा कि अब समद को टीम इंडिया में जगह मिल जाएगी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. वह घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा करते रहे. 


रणजी से पहले नहीं खेला था एज लेवल क्रिकेट 


बता दें कि समद ने 2007 में महाराष्ट्र के लिए रणजी डेब्यू किया था. रणजी टीम में आने से पहले समद ने कोई एज लेवल क्रिकेट नहीं खेला था. इससे पहले वह टेनिस बॉल क्रिकेट खेला करते थे. डेब्यू के वक्त समद सिर्फ 22 साल के थे. डेब्यू मैच में ही उन्होंने 6 विकेट लेकर कमाल कर दिया था. 


समद ने करियर के आखिरी दिनों में उत्तराखंड के लिए खेला. फिर उन्होंने दोबारा महाराष्ट्र क्रिकेट में वापसी करनी चाही, लेकिन मौका नहीं मिला. 2020-21 सीजन में उन्होंने उत्तराखंड के लिए खेला. फिर इसके बाद वह दोबारा वापसी नहीं कर सके और करीब तीन साल मौका न मिलने के कारण जून, 2024 में उन्होंने संन्यास का एलान कर दिया. 


ऐसा रहा करियर 


समद ने अपने करियर में 78 फर्स्ट क्लास, 50 लिस्ट ए और 58 टी20 मुकाबले खेले. फर्स्ट क्लास की 138 पारियों में उन्होंने 287 विकेट लिए. इसके अलावा लिस्ट ए की 50 पारियों में उन्होंने 75 विकेट और टी20 की 57 पारियों में 62 विकेट अपने नाम किए. 


 


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