Mahatma Gandhi Jayanti: क्रिकेट से नफरत करते थे महात्मा गांधी, मानते थे अंग्रेजों का खेल? इस दावे में कितनी है सच्चाई
Mahatma Gandhi Jayanti: महात्मा गांधी के क्रिकेट को लेकर क्या विचार थे? क्या उन्होंने कभी क्रिकेट खेला? जानिए वो गेंदबाजी करते थे या बैटिंग.
Mahatma Gandhi Thoughts on Cricket: करीब 2 दशकों तक भारत पर अंग्रेजों ने राज किया और उस दौरान क्रिकेट ने इस देश में काफी अच्छी पैठ बना ली थी. 1947 में आजादी मिलने से पहले ही भारतीय टीम अपना पहला टेस्ट मैच खेल चुकी थी. महात्मा गांधी ने भी स्वतंत्रता संग्राम में बढ़ चढ़कर भाग लिया था, लेकिन क्या उन्होंने कभी अपने जीवन में क्रिकेट खेला था? यदि हां, तो गांधी जी ने किस लेवल पर कैकेट खेला और वो गेंदबाजी करते थे या बैटिंग.
महात्मा गांधी के समय भारत में हॉकी का खेल अधिक लोकप्रिय था और उन दिनों टीम इंडिया लगातार ओलंपिक्स में मेडल जीत रही थी. मगर जहां तक क्रिकेट की बात है, महात्मा गांधी मानते थे कि यह खेल अंग्रेजों का है, जिसे विदेश से भारत में लाया गया है. उनका मानना था कि क्रिकेट के भारत में आने से पारंपरिक खेलों को नुकसान हुआ है. गांधी मानते थे कि क्रिकेट और फुटबॉल जैसे खेल महंगे हैं और इन्हें बड़े लोग ही खेल सकते हैं.
क्यों नहीं खेलना चाहते थे क्रिकेट?
महात्मा गांधी ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि उन्होंने कभी क्रिकेट नहीं खेला और वो यह तक नहीं जानते थे कि आखिर इस खेल के नियम क्या हैं. महात्मा गांधी के विचार आज भी लोगों के दिलों में जीवित हैं. वो मानते थे कि क्रिकेट के मुकाबले खेती करने से लोगों का शरीर अधिक स्वस्थ रह सकता है.
फेमस लेखक कौशिक बंदोपाध्याय अपनी किताब 'महात्मा ऑन द पिच' में लिखा है कि गांधी जी को स्कूलों के दिनों में पहली बार क्रिकेट के बारे में पता चला था. उन दिनों राजकोट में स्थित उस स्कूल के हेडमास्टर ने क्रिकेट खेलना और व्यायाम करना अनिवार्य कर दिया था. मगर धोनी इस खेल में किसी भी तरह से भाग नहीं लेना चाहते थे. कौशिक जी ने अपनी किताब महात्मा गांधी का हवाला देते हुए बताया कि वो शर्म के कारण क्रिकेट नहीं खेलना चाहते थे.
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