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INDvsBAN: 'कैप्टन कूल' ने खोला जीत का राज
INDvsBAN: 'कैप्टन कूल' ने खोला जीत का राज
बेंगलुरू: भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि टीम दबाव में शांत बने रहने की अपनी क्षमता के कारण बांग्लादेश के खिलाफ आईसीसी विश्व टी20 में कल यहां एक रन से जीत दर्ज करने में सफल रही. भारत के लिये यह करो या मरो वाला मैच था लेकिन उसने चिन्नास्वामी स्टेडियम में बांग्लादेश के मुंह से जीत छीनकर सेमीफाइनल में पहुंचने की अपनी उम्मीदें बरकरार रखी.
धोनी ने मैच के बाद कहा, ‘‘इस तरह के हालात में स्थितियां अव्यवस्थित होती है. आप पहले इस अव्यवस्था को व्यवस्थित करने की कोशिश करते है. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘हर किसी का अपना विचार होता है. अक्सर बल्लेबाज की राय गेंदबाज से इतर होती है. लेकिन आपको यह देखना पड़ता है कि उस समय बल्लेबाजी करने वाले बल्लेबाज का मजबूत पक्ष क्या है, विकेट का मिजाज कैसा है, क्या रिवर्स स्विंग मिल रही है या नहीं. इन सभी चीजों का आकलन करना पड़ता है. ’’
धोनी ने कहा, ‘‘लेकिन आखिर में आपको उस गेंदबाज को गेंद थमानी होती है जिसके बारे में आपको लगता है कि वह उस समय अच्छी गेंदबाजी कर सकता है. यदि मुझे लगता है कि मुझे ऐसा करना चाहिए तो मैं करूंगा. इस तरह की दबाव की परिस्थितियों में अन्य की राय काफी काम आती है. लेकिन आपको हर चीज का आकलन करना होता है और यह सब कुछ बहुत कम समय में होता है. ’’
धोनी ने कहा कि इस जीत से 2007 की हार का दर्द कम नहीं होगा जब बांग्लादेश से हार के कारण भारतीय टीम विश्व कप से बाहर हो गयी थी. उन्होंने कहा, ‘‘हमें अब भी 2007 की हार याद है. इस वजह से हम विश्व कप के अगले चरण के लिये क्वालीफाई नहीं कर पाये थे जबकि हमने अच्छी क्रिकेट खेली थी. हम भी इंसान हैं और यदि हम अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं तो हमें भी बुरा लगता है. मेरा मानना है कि यह खेल के साथ एक भावनात्म्क पक्ष है और यह जीत 2007 की यादों को नहीं मिटा सकती है. ’’
धोनी ने टीम के युवा खिलाड़ियों की तारीफ की जिन्होंने जीत में अहम भूमिका निभायी. उन्होंने विशेषकर हार्दिक पंड्या और जसप्रीत बुमराह को श्रेय दिया. बुमराह शुरू में खराब क्षेत्ररक्षण और कैच टपकाने के कारण काफी नर्वस दिख रहे थे. उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जहां तक हार्दिक का सवाल है तो उतार चढ़ाव वाले दौर आते हैं. एक बार जब आप इन दौर से गुजर जाते हैं तो आप बल्लेबाज या गेंदबाज के रूप में मंझे हुए खिलाड़ी बन जाते हैं. ’’
धोनी को खुशी थी कि पंड्या आखिरी ओवर में दो चौके पड़ने के बाद वापसी करने में सफल रहा. बांग्लादेश को अंतिम ओवर में जीत के लिये 11 रन चाहिए थे. उन्होंने कहा, ‘‘हमने कुछ चीजों पर चर्चा की. एक चीज पक्की थी कि हम नहीं चाहते थे कि वह (हार्दिक) यॉर्कर करे. यह बैक ऑफ लेंथ हो सकती थी लेकिन कैसे होगी यह बड़ा सवाल था. आप नहीं चाहते कि कोई गेंद वाइड हो. हमने आउटफील्ड रखने का फैसला किया और मेरा मानना है कि उसने हमारी रणनीति के हिसाब से बहुत अच्छा काम किया. ’’