Manoj Tiwari Vs Gautam Gambhir: हाल ही में सभी तरह के क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर चुके बंगाल के बल्लेबाज मनोज तिवारी एक के बाद एक कई बड़े बयान दे रहे हैं. उन्होंने संन्यास के ठीक बाद ही कुछ मामलों में विवादित बयान दिए हैं. अब उन्होंने एक और बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने एबीपी नेटवर्क से बातचीत के दौरान कहा है कि IPL 2013 के दौरान वह ड्रेसिंग रूम में गौतम गंभीर से उलझ गए थे. उन्होंने यह भी बताया कि इस झगड़े के कारण ही उन्हें कोलकाता नाइट राइडर्स से बाहर होना पड़ा.
मनोज तिवारी साल 2008 से ही आईपीएल का हिस्सा थे. आईपीएल के पहले और दूसरे सीजन में वह दिल्ली डेयरडेविल्स का हिस्सा रहे और फिर साल 2010 में उनकी एंट्री कोलकाता नाइट राइडर्स में हो गई. साल 2012 में उन्होंने ही फाइनल में विजय रन जड़ते हुए केकेआर को चैंपियन बनाया था. लेकिन 2013 में उनका अपने ही कप्तान से ऐसा झगड़ा हुआ कि उन्हें केकेआर छोड़ना पड़ा.
'नहीं झगड़ता तो शायद KKR से जुड़ा रहता'
मनोज तिवारी ने बताया, 'मैं जब केकेआर में था तो ड्रेसिंग रूम में गंभीर के साथ मेरी बड़ी जमकर लड़ाई हो गई थी. यह बात कभी भी सामने नहीं आई. 2012 में केकेआर चैंपियन बनी और मुझे एक साल और केकेआर के लिए खेलने का मौका मिला. अगर मैं 2013 में गंभीर से नहीं लड़ा होता तो शायद मैं कोलकाता के लिए 2-3 साल और खेलता. अगर ऐसा होता तो अनुबंध के अनुसार मुझे जो राशि मिलनी थी वह बढ़ गयी होती, मेरा बैंक बैलेंस मजबूत होता लेकिन मैंने इसके बारे में कभी नहीं सोचा.'
'प्लेइंग-11 में मौका नहीं मिला तो..'
एबीपी नेटवर्क के साथ बातचीत में मनोज तिवारी ने यह भी बताया कि जब वह दिल्ली डेयरडेविल्स का हिस्सा थे और उन्हें प्लेइंग-11 में मौका नहीं मिल रहा था तो उन्हें दिल्ली फ्रेंचाइजी के प्रबंधन से उन्हें रिलीज करने के लिए कह दिया था. तिवारी ने बताया, 'जब मै दिल्ली में था तो गैरी कस्टर्न कोच थे. हमारी प्लेइंग-11 एक के बाद एक मुकाबले में फ्लॉप हो रही थी. काबिल खिलाड़ियों को मैच में मौका नहीं मिल रहा था. ऐसे में मैं सीधे मैनजमेंट के पास चले गया था और कह दिया था कि अगर मुझे प्लेइंग-11 में नहीं ले सकते तो मुझे रिलीज कर दीजिए. मुझे नहीं पता था वह मेरी कही बात को सही से समझ नहीं पाएंगे.'
मनोज तिवारी ने टीम इंडिया के लिए 12 वनडे और 3 टी20 इंटरनेशनल खेले. वह आखिरी बार साल 2018 में आईपीएल खेलते नजर आए थे. हालांकि इसके बाद वह घरेलू क्रिकेट में बंगाल की टीम से लगातार मैदान संभालते रहे.
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