IPL vs Ranji Trophy: कैसे बच पाएगा रणजी ट्रॉफी का अस्तित्व, IPL का पड़ रहा बुरा प्रभाव
IPL vs Ranji Trophy: पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया है कि IPL से बड़ा कॉन्ट्रैक्ट मिलने पर खिलाड़ी डोमेस्टिक क्रिकेट में पूरी जान लगाकर नहीं खेलते.
IPL vs Ranji Trophy: बीसीसीआई ने कुछ दिन पहले सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की सूची जारी की थी, जिसके बाद यह भी बताया गया कि जो खिलाड़ी फिट हैं लेकिन नेशनल टीम के लिए नहीं खेल रहे हैं, उन्हें डोमेस्टिक क्रिकेट खेलते रहना चाहिए. श्रेयस अय्यर और ईशान किशन मुद्दे के कारण भी बीसीसीआई ने प्लेयर्स को डोमेस्टिक क्रिकेट खेलने की सलाह दी है. अब पूर्व भारतीय खिलाड़ी मनोज तिवारी ने बीसीसीआई द्वारा दिए गए आदेश पर सहमति जताते हुए कहा है कि अगर खिलाड़ी लगातार डोमेस्टिक क्रिकेट खेलेंगे तभी रणजी ट्रॉफी का अस्तित्व बना रहेगा. उन्होंने यह भी बताया कि कैसे IPL कॉन्ट्रैक्ट में मिल रही भारी भरकम राशि खिलाड़ियों के डोमेस्टिक क्रिकेट के प्रति नजरिए को बदल रही है.
IPL के कारण डोमेस्टिक क्रिकेट पर पड़ रहा बुरा प्रभाव
Sports Now को दिए एक इंटरव्यू में मनोज तिवारी ने IPL के कारण डोमेस्टिक क्रिकेट पर पड़ रहे बुरे प्रभाव का कारण बताते हुए कहा, "मैंने डोमेस्टिक मैचों के दौरान युवाओं और सफल खिलाड़ियों को भी IPL के बारे में बात करते देखा है. मैं जब क्रिकेट खेलता था तब ज़ोन के मैचों में भी सभी चर्चाएं IPL पर होती थीं. ये सामान्य बात है कि अगर किसी को रणजी ट्रॉफी से पहले IPL कॉन्ट्रैक्ट मिल जाए तो उसका प्रभाव भी पड़ता है. 5 या 7 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट मिलना खिलाड़ियों को सोचने पर मजबूर कर सकता है।"
मनोज तिवारी ने इस विषय पर भी चर्चा करते हुए बड़ा बयान दिया है कि किस तरह IPL के लिए फिट रहने के कारण चोटिल होने का झूठा बहाना बनाते हैं. तिवारी ने कहा, "जब कोई रणजी मैच आ रहा होता है, तब खिलाड़ी किसी बाउंड्री को रोकने के लिए पूरी जान नहीं लगाते, जो उनकी टीम की हार का कारण भी बन सकती हैं. पहले खिलाड़ी चोटिल होने के बावजूद टीम का हिस्सा बने रहते थे, लेकिन अब चोट के बाद वो तुरंत आराम लेने की घोषणा कर देते हैं. आजकल इस तरह की चीज़ें हो रही हैं."
मनोज तिवारी ने इस बयान के जरिए कहीं ना कहीं श्रेयस अय्यर और ईशान किशन पर भी तंज कसा है, जिन्होंने कुछ दिन पहले चोट का हवाला देकर रणजी ट्रॉफी में अपनी-अपनी टीम के लिए खेलने से मना कर दिया था. इन दोनों क्रिकेटरों को इसी कारण बीसीसीआई ने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट भी नहीं दिया है.