कोरोना वायरस की वजह से बीते दो महीने से किसी स्तर पर क्रिकेट का आयोजन नहीं हो रहा है. हालांकि लॉकडाउन के दौरान टीम इंडिया के कुछ खिलाड़ियों ने चयन नहीं होने को लेकर सिलेक्टर्स पर ठिकरा फोड़ा है. बंगाल के कप्तान मनोज तिवारी ने भी टीम से बाहर निकाले जाने को लेकर चुप्पी तोड़ी है. मनोज ने कहा कि उन्होंने कभी भी टीम से बाहर किए जाने के संबंध में धोनी से सवाल नहीं किया.


मनोज ने कहा, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि अपने देश के लिए 100 रन बनाने के बाद मैन ऑफ द मैच लेने के बाद मैं अगले 14 मैचों तक अंतिम-11 में नहीं आऊंगा. लेकिन मैं इस बात का भी सम्मान करता हूं कि कप्तान, कोच और टीम प्रबंधन के भी अपने विचार होते हैं. एक खिलाड़ी के तौर पर हमें उनके फैसलों का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि उनकी अलग रणनीति हो."


मनोज ने कहा, "मुझे उस समय मौका नहीं मिला या यूं कहें कि मुझे में माही के पास जाने की हिम्मत नहीं थी, क्योंकि हम अपने सीनियरों का इतना सम्मान करते थे कि हम उनसे सवाल करने से बचते थे. इसलिए मैंने अभी तक उनसे सवाल नहीं किया."


मनोज ने कहा कि जब वह राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स में धोनी के साथ खेल रहे थे, तब उन्होंने कप्तान से यह सवाल पूछने के बारे में सोचा था, लेकिन वह आईपीएल के दबाव को देखकर रुक गए. दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, "मैंने सोचा था कि बाद में कभी पूछूंगा."


मनोज ने हाल ही में अपनी कप्तानी में बंगाल को रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचाया था लेकिन वह टीम को खिताब नहीं दिला सके थे. मनोज ने मुंबई के पृथ्वी शॉ और श्रेयस अय्यर को भविष्य का सितारा बताया है.


उन्होंने कहा, "अय्यर अगर कुछ मैचों में अच्छा नहीं भी करते हैं तो वह रहेंगे. उनके अलावा मैं शॉ को देखता हूं, अगर वह शांत रहकर आगे बढ़ते हैं और अनुशासन में रहते हैं तो निश्चित तौर पर वह काफी आगे जाएंगे."


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